सप्ताह के इन दिनों अगर आप काटेंगे अपने बाल और नाख़ून, तो आपके घर में होती है जमकर धनवर्षा

हमारे हिन्दू धर्म में ऐसे हजारों नियम हैं जिसका वैज्ञानिक कारण है। अगर आप चाहे तो इन बातों को धर्म से जोड़कर न देखें। परंपराएं सैकड़ों-हजारों वर्षों के अनुभव के आधार पर विकसित होती हैं। उनमें से कुछ अतार्किक और अवैज्ञानिक होती हैं और कुछ तार्किक और वैज्ञानिक। दोनों में फर्क करना बहुत मुश्किल है। जब गहराई और बारीकी से अध्ययन और विश्लेषण करते हैं, तो हम पाते हैं कि अधिकांश परंपराओं और रीति-रिवाजों के पीछे एक सुनिश्वित वैज्ञानिक कारण होता है।

अनुभव, उदाहरण, आंकड़े और परिणामों के आधार पर ही कोई नियम या परंपरा धर्म का हिस्सा बन जाती है और समाज उसे मान्यता दे देता है। उन्हीं में से एक है- बाल और नाखूनों के काटने के नियम। हर इंसान के जीवन में धन-दौलत की जरुरत होती है। अगर आज के समय की बात की जाए तो आज के समय में ऐसा कोई भी काम नहीं है जो बिना पैसे के किया जा सके। ऐसे में धन की क्या महत्ता है, यह बतानें की जरुरत नहीं है। व्यक्ति धनवान ब्रहमांड का एक छोटा सा टुकड़ा पृथ्वी है। पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म हुआ है। ब्रहमांड से निकलने वाली सर्वाधिक उर्जा का प्रभाव पृथ्वी पर ही पड़ता है। इस उर्जा से मानव शरीर प्रभावित होता है। इसे सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रकृति ने कठोर नाखूनों और बालों से इन संवेदनशील हिस्सों की रक्षा करती है।

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आज हम आप को बताएँगे की सप्ताह में कुछ दिन ऐसे है, जिनमें नाखून, सेविंग और बाल कटवाने से हमें नकारात्मक उर्जा मिलती है, जो हमारे संवेदनशील हिस्सों को हानि पहुचाती है। शनिवार, मंगलवार व गुरूवार को हमें नाखून नहीं काटना चाहिए। शनिवार-शनिवार को नाखून काटने से आयु में कमी आती है और घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। मंगलवार-मंगलवार को नाखून काटने से भाईयों से मनमुटाव होता है। साहस व पराक्रम में कमी आती है। शरीर में रक्त से सम्बन्धित रोग उत्पन्न होते है।

 

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