इन देशों के पास है सबसे ज्यादा बड़ी नौसेना, भारत हैं इस नंबर पर…

हिंद व प्रशांत महासागर का क्षेत्र वैश्विक कूटनीति की दिशा तय कर रहा है। यह बात भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटेश की पीएम थेरेसा मे की अगुवाई में बुधवार को लंदन में हुई द्विपक्षीय वार्ता से साबित होती है। बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान ने इस बात का ऐलान किया है कि भारत और ब्रिटेन की नौ सेनाओं के बीच हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में नये सहयोग की शुरुआत होने जा रही है। इसके जरिये चीन को नियंत्रण में लाया जा सकेगा।

यूरोप के देशों की तरह भारत भी अपने पड़ोसी देश चीन की समुद्र में बढ़ती गतिविधियों से परेशान है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से भूमि विवाद चल रहा है। भारत और ब्रिटेन की साझेदारी इस दिशा में बड़ा कदम है। इसी बहाने हम जानते हैं कि दुनिया में सबसे बड़ी नौसेना किन देशों की हैं।

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1. उत्तर कोरिया – 967 नेवल असेस्ट्स

संख्या बल के हिसाब से उत्तर कोरिया की नौसेना आकार में सबसे बड़ी है। हालांकि, परमाणु और बैलिस्टिक-मिसाइल विकास पर ध्यान केंद्रित करने के चलते वह अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना कर रहा है। इसकी वजह से उत्तर कोरिया की सेना, खासतौर पर नौसेना संसाधनों की कमी से जूझ रही है।

इसकी 967 नेवल असेट्स में से 10 फ्रिगेट, दो कॉर्वेट, 86 सबमरीन, 438 पेट्रोल क्राफ्ट्स और 25 माइन वारफेयर वेसल शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर मोटे तौर पर सोवियत संघ, चीन, या उत्तरी कोरियाई मूल के हैं। मगर, ज्यादातर मामलों में वे कम गुणवत्ता वाले और खराब हैं।

2. चीन – 714 नेवल असेस्ट्स

हाल के वर्षों में चीन की नौसेना भी तेजी से बढ़ी है। इसने विदेशों में अपने आस-पास के अभियानों में अधिक ऑपरेशन किया है, खासकर दक्षिण चीन सागर में। अब वह हिंद महासागर की तरफ बढ़ रहा है। इसकी 714 नेवल असेट्स में एक विमान वाहक, 50 फ्रिगेट, 29 डिस्ट्रॉयर, 39 कॉर्वेट्स, 73 सबमरीन, 220 पेट्रोल क्राफ्ट्स और 29 माइन वारफेयर वेसल शामिल हैं।

इसके अलावा एक अन्य विमान वाहक पोत समुद्री परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार है। चीन के सबमरीन पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए विशेष चिंता का विषय है। चीनी पनडुब्बियां बीते दो दशकों में कई बार अमेरिकी युद्धपोतों के सामने आ चुकी हैं।

3. संयुक्त राज्य – 415 नेवल असेस्ट्स

संख्या के लिहाज से तीसरे नंबर पर होने के बावजूद अमेरिकी नौसेना को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह दुनिया भर में ऑपरेट करती है। अमेरिका की 415 नेवल असेट्स में से 20 विमान वाहक पोत (दुनिया में सर्वाधिक), 10 फ्रिगेट, 65 डिस्ट्रॉयर्स, 66 सबमरीन, 13 पेट्रोल क्राफ्ट और 11 माइन वारफेयर वेसल शामिल हैं। हाल के वर्षों में नौसेना ने अपने बेड़े में कई नए जहाजों को जोड़ा है।

4. ईरान – 398 नेवल असेस्ट्स

वर्षों के प्रतिबंधों ने ईरान की नौसेनिक क्षमता को सीमित कर दिया है। इसकी 398 नेवल असेट्स में से अधिकांश पेट्रोल क्राफ्ट्स हैं, जिनमें से तेहरान के पास 230 हैं। इसमें पांच फ्रिगेट, तीन कॉर्वेट्स, 33 पनडुब्बियां और 10 माइन वारफेयर वेसल शामिल हैं। ईरान ने 2017 के अंत में कहा था कि वह साल 2018 तक एक डिस्ट्रॉयर को अपने बेडे़ में शामिल करेगा। इसके साथ ही यह परमाणु संचालित जहाजों और सबमरीन का विकास कर रहा है।

5. रूस – 352 नेवल असेस्ट्स

व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूस एक बार फिर से सोवियत संघ के पतन के बाद खोए अपने स्तर और क्षमताओं को हासिल करने के लिए अपनी नौसेना को मजबूत बना रहा है। रूसी नौसेना के पास वर्तमान में 352 नेवल असेस्ट्स हैं, जिनमें एक विमान वाहक पोत, नौ फ्रिगेट, 13 डिस्ट्रॉयर, 78 कॉर्वेट, 62 पनडुब्बियां, 41 पेट्रोल क्राफ्ट और 47 माइन वारफेयर वेसल शामिल हैं।

रूस ने पिछले डेढ़ दशक में समुद्र के अंदर की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया है। नाटो नौसेना ने रूसी पनडुब्बियों पर नजदीक से नजर रखी है। हाल के वर्षों में पश्चिमी देशों ने समुद्र के नीचे बिछी केबल्स में रूसी हस्तक्षेप की आशंका पर चिंता जाहिर की है, जो वैश्विक दूरसंचार और वित्तीय नेटवर्क से गुजरती हैं।

6. मिस्र – 319 नेवल असेस्ट्स

मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में मिस्र की नौसेना सबसे बड़ी है। वह देश के भूमध्य सागर और लाल सागर तटीय इलाकों की सुरक्षा और स्वेज नहर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इसकी नौसेना में दो विमान वाहक पोत, नौ फ्रिगेट, चार कॉर्वेट, छह पनडुब्बियां, 53 गश्त शिल्प और 23 माइन वारफेयर वेसेल शामिल हैं। मिस्र ने पायरेसी और आतंकवाद विरोधी आपरेशन की तरह ही सबमरीन (पनडुब्बी) और एंटी-सबमरीन ऑपरेशन पर अधिक जोर दिया है।

7. भारत – 295 नेवल असेस्ट्स

नौसैनिक शक्ति के लिहाज से भारत दुनिया में सातवें नंबर पर है। वर्तमान में भारत के पास 295 नेवल असेस्ट्स हैं। इसमें एक विमान वाहक, 14 फ्रिगेट, 11 डिस्ट्रॉयर्स, 22 कॉर्वेट, 16 पनडुब्बियां, 139 गश्त विमान और चार माइन वारफेयर वेसेल शामिल हैं। भारत, सेना के साथ-साथ घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की कोशिश में है, लेकिन योजना और तकनीकी जानकारी से संबंधित कुछ परेशानियों का सामना कर रहा है।

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