पीएम मोदी ने जिस स्थान पर डेढ़ माह तक की थी साधना, अब केदारनाथ धाम से जुड़ेगा स्थान

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं, धाम में सबकुछ योजनाबद्व तरीके से समय पर हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तपस्थली गरुड़चट्टी मार्च 2021 तक जल्द ही केदारनाथ धाम से जुड़ जाएगी। पुनर्निर्माण कार्यों के तहत धाम में मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान पुल के दोनों एंबेडमेंट का निर्माण इस दिसंबर तक पूरा कर मार्च 2021 तक पुल से आवाजाही शुरू होने की सम्भावना है।

बता दें कि पीएम मोदी ने यहां अस्सी के दशक में डेढ़ माह तक साधना की थी। चार करोड़ की लागत से बन रहे पुल का एक एंबेडमेंट तैयार हो गया है। जबकि दूसरे का कार्य जोरों पर चल रहा है। दिसंबर तक पुल के एंबेडमेंट व साइड वॉल का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

मार्ग को केदारनाथ से जोड़ने के लिए जून 2018 में 60 मीटर स्पान पुल का निर्माण शुरू किया गया। मौसम ने साथ दिया तो फरवरी 2021 में पुल बनकर तैयार हो जाएगा। जबकि मार्च से आवाजाही शुरू हो जाएगी। आगामी केदारनाथ यात्रा में गरुड़चट्टी तक श्रद्धालुओं की पहुंच से सात वर्ष से चला आ रहा सन्नाटा भी खत्म हो जाएगा।

आपको बता दें कि वर्ष 2013 की 16/17 जून को आई आपदा में केदारनाथ में भारी तबाही हुई थी। मंदाकिनी के सैलाब में गरुड़चट्टी को केदारपुरी से जोड़ने वाला पुल भी बह गया था। रामबाड़ा के ध्वस्त होने व पैदल मार्ग भी तबाह होने से गरुड़चट्टी का दो तरफा संपर्क कट गया, तब से यह क्षेत्र वीरान है। भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण के बाद अक्तूबर 2017 में मंदाकिनी नदी के दूसरे छोर से गरुड़चट्टी तक लगभग साढ़े तीन किमी लंबा नया पैदल मार्ग बनाया गया।

पीएम नरेन्द्र मोदी को भी गरुड़चट्टी से बेहद लगाव है, ये लगाव आज का नही बल्कि वर्षो पुराना है, दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अस्सी के दशक में गरुड़चट्टी में डेढ़ माह तक साधना की थी। बीते तीन वर्षों में चार बार केदारनाथ भ्रमण पर आए प्रधानमंत्री ने गरुड़चट्टी का प्रमुखता से उल्लेख किया था।

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