रिश्तों में दरार पैदा कर देती Overthinking की आदत
आपने कभी सोचा है कि ओवरथिंकिंग आपको ही नुकसान पहुंचा सकती है? अगर नहीं तो आज से ही इस पर विचार करिए। दरअसल, जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत आपको कई मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार कर रही है। हर छोटी से छोटी बात पर सोचते रहना सिर्फ आपके मन को नहीं बल्कि शरीर को भी थकाता है, जिससे तनाव, डिप्रेशन, नींद की कमी जैसी बीमारियाें के बढ़ने का खतरा रहता है। इसका बुरा असर रिश्तों में भी पड़ने लगता है और दूरियां आने लगती हैं।
आइए, जानते हैं कि कैसे ओवरथिंकिंग की आदत आपको बीमार बना सकती है, इसका रिश्तों पर क्या असर पड़ता है। आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं। साथ ही इस आदत से छुटकारा पाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
क्या है ओवरथिंकिंग
जब कोई व्यक्ति छोटी सी बात को भी लंबे समय तक सोचने लगे तो इसे ओवरथिंकिंग कहा जाता है। कई बार किसी भी चीज के बारे में बहुत अधिक सोचने से थकान महसूस हो सकती है। ओवरथिंकिंग की समस्या आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकती है।
ओवरथिंकिंग से हो सकती हैं ये बीमारियां
नींद न आना
ओवरथिंकिंग की आदत से रात में नींद नहीं आती है। इससे शारीरिक स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, आप मानसिक रूप से भी बीमार बन सकते हैं।
घेर लेती हैं दिल की बीमारियां
मानसिक तनाव का असर सीधा दिल पर पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लगातार टेंशन में रहने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है।
कमजोर हो जाता है इम्यून सिस्टम
ज्यादा सोचने से हमारी इम्यूनिटी पर भी असर पड़ता है। यह आदत शरीर को अंदर से कमजोर कर देती है, जिससे बीमारियां जल्दी होने लगती हैं।
तनाव और चिंता
लगातार किसी बात को सोचते रहने से दिमाग पर दबाव बढ़ता है। जिससे व्यक्ति को एंग्जाइटी और स्ट्रेस जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
डिप्रेशन
ज्यादा सोचने की आदत आपको डिप्रेशन की ओर ले जा सकती है। जब व्यक्ति हर बात को बार-बार सोचता है, तो वह नेगेटिव विचारों में खो जाता है। इससे वह कोई भी गलत कदम उठा सकता है।
ओवरथिंकिंग का रिश्तों पर असर
ओवरथिंकिंग की आदत सिर्फ स्वास्थ्य को ही नहीं, हमारे करीबी रिश्तों पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है। इसका कारण यह है कि जब हम हर बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं, तो सामने वाले व्यक्ति की छोटी-छोटी बातों को भी बढ़ा-चढ़ा कर सोचने लगते हैं। इससे अविश्वास और झगड़े की स्थिति पैदा होती है। जो रिश्तों में दूरी ला सकता है।
ओवरथिंकिंग के लक्षण
छोटी छोटी बात को बार-बार सोचना।
अपने मन के सवालों में उलझे रहना।
मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करना।
सोने से पहले निगेटिव थॉट्स आना।
लगातार चिंतित या बेचैन रहना।
ज्यादा सोचने से कैसे बचें?
मेडिटेशन – टेंशन फ्री रहने के लिए मेडिटेशन एक पॉवरफुल तरीका है। मेडिटेशन से निगेटिव विचारों को दूर रखने में मदद मिलती है। दिमाग को शांत करने के लिए रोजाना कुछ देर तक मेडिटेशन जरूर करें।
वर्तमान में जिएं – हर चीज पर बार-बार विचार करने के बजाय वर्तमान में जिएं। कोशिश करें कि जो आपके सामने है, उस पर ध्यान दें और उसके सकारात्मक पक्ष को देखें।
लिखें और विचारों को बाहर निकालें – जब भी आप ओवरथिंकिंग करें तो उसे कागज पर लिखें। इससे दिमाग हल्का होता है और आपका तनाव कम होता है। आप लिख कर पन्ने को जला भी सकते हैं।
ट्रैवल करें – अगर आप ओवरथिंकिंग का शिकार हैं तो खुद को समय दें। आप कहीं घूमने जा सकते हैं। अकेले घूमने के बजाय दोस्तों को साथ लेकर जाएं। ट्रिप पर जाने से माइंड फ्रेश रहेगा।
हॉबीज को फॉलो करें- ओवरथिंकिंग से बचना है तो आपको अपना ध्यान उन कामों में लगाना चाहिए जो आपको पसंद है। जैसे दोस्तों से बातें करना, ड्राइंग करना या कुकिंग करना। इससे आपका मन खुश रहेगा।