गणतंत्र दिवस को स्कूल कार्यक्रम में बच्चा हिस्सा ले रहा है, अभिभावक जरूर करें ये पांच काम

भारत के इतिहास में सबसे अहम दिनों में से एक गणतंत्र दिवस आने वाला है। प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाता है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ और आजादी के बाद भारत देश एक लोकतांत्रिक देश बन गया। गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है। स्कूल, कार्यालयों आदि में इस दिन ध्वजारोहण किया जाता है और कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस मौके पर देशभर के स्कूलों में जश्न मनाया जाता है। स्कूलों में देशभक्ति से जुड़े ॉरंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति होती है, जिसमें छात्र छात्राएं उत्साह के साथ प्रतिभाग करते हैं।

26 जनवरी के कार्यक्रम के लिए स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। बच्चे इसमें उत्साह से प्रतिभाग करते हैं और स्कूल कार्यक्रम के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी होंगी। हालांकि सर्दी बहुत है और प्रशासन के आदेश से स्कूलों में छुट्टियां भी बढ़ रही हैं, ऐसे में स्कूल कार्यक्रम के लिए तैयारी कर रहे बच्चों को कुछ समस्या आ सकती है। मंच पर प्रस्तुति के लिए बच्चे का उत्साह वर्धन करने के लिए अभिभावकों को भी तैयारियों में हिस्सा लेना चाहिए। जो बच्चे 26 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं और तैयारी कर रहे हैं उनके अभिभावक कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।

बच्चे की क्षमता को समझें

गणतंत्र दिवस के लिए स्कूल में होने वाले रंगारंग कार्यक्रम में बच्चा प्रतिभाग करना चाहता है तो उसकी क्षमता को समझकर ही प्रस्तुति तैयार कराएं। बच्चा नृत्य में अच्छा है, या गायन में, अच्छा वक्ता है या अन्य प्रतिभा का धनी है, उसकी इस काबिलियत को पहचानकर प्रस्तुति तैयार कराएं। साथ ही बच्चे की पसंद का भी ध्यान रखें ताकि वह अपनी प्रस्तुति को एंजॉय कर सकें।

दबाव न डालें

अक्सर माता-पिता बच्चे को अभ्यास कराते समय अधिक दबाव बनाने लगते हैं। अपनी महत्वकांक्षाओं का बोझ बच्चे पर न डालें, बल्कि बच्चे को प्रोत्साह्त करें। लगातार अभ्यास कराने के बजाए खेल-खेल में उससे तैयारी कराएं ताकि वह डर कर नहीं बल्कि आनंद के साथ कार्यक्रम में प्रतिभाग करे और हड़बड़ाहट में गलतियों से बचे।

अभ्यास जरूरी

बच्चा स्कूल कार्यक्रम में अच्छी प्रस्तुति तब दे पाएगा, जब वह पूरी तरह से निश्चिंत हो कि उसे पूरा प्रोग्राम याद है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चा अच्छे से अभ्यास करें। माता पिता और शिक्षकों को बच्चे के अभ्यास के लिए समय देने की जरूरत है। उन्हें अकेले प्रैक्टिस करने देने के बजाए कुछ समय दें। बच्चे को उनकी प्रस्तुति रिकॉर्ड करके दिखाएं और खुद से कमियों को समझने दें, ताकि अगली प्रस्तुति में वह गलती न दोहराएं।

तारीफ करना न भूलें

आत्मविश्वास की कमी तब होती है, जब बच्चे को लगता है कि वह गलत प्रस्तुति दे रहा है या अच्छा नहीं कर रहा। उसका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए जरूरी है कि बच्चे की तारीफ करें। तारीफ मिलने पर वह और अधिक अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। बच्चे की गलतियां निकालने या डांटने के बजाए उनकी थोड़ी सी तारीफ मनोबल को बढ़ावा देती है।

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