इन छह राजनीतिक दलों के खिलाफ सुनवाई अटकी, आदेश के उल्लंघन का है मामला

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में छह राजनीतिक दलों के खिलाफ दायर शिकायतों पर सुनवाई फिलहाल टाल दी गई है। इन पर सीआईसी के 2013 के आदेश का उल्लंघन का मामला है। इस पर 20 फरवरी को सुनवाई होने वाली थी। केंद्रीय सूचना आयुक्त आरके माथुर ने यह फैसला किया है। दिसंबर 2016 के बाद से मामले में कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। बावजूद इसके कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2014 में आदेश दिया था कि मामले को छह माह में निपटाया जाए।

इन छह राजनीतिक दलों के खिलाफ सुनवाई अटकी, आदेश के उल्लंघन का है मामला

गौरतलब है कि तीन जून 2013 को सीआईसी ने छह राजनीतिक दलों कांग्रेस, भाजपा, राकांपा, माकपा, भाकपा व बसपा को आरटीआई एक्ट के दायरे में शामिल करने का आदेश दिया था। उधर, सीआईसी के भीतर भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने पीठों के गठन पर माथुर के समक्ष सवाल उठाया था। उनका तर्क है कि पीठों के गठन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। हालांकि संपर्क किए जाने पर श्रीधर ने कहा कि यह आयोग के भीतर का मामला है।

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आखिरी बार राजनीतिक दलों से जुड़े मसले को श्रीधर की अगुआई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ही सुना था। दिसंबर 2016 में यह सुनवाई की गई थी। इसके कुछ दिनों बाद पीठ के एक सदस्य बिमल जुल्का ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने का आग्रह माथुर से किया था। उसके बाद से मामला अधर में है। हालांकि माथुर ने पिछले साल जुलाई माह में चार सदस्यीय पीठ का गठन इसके लिए कर दिया था, लेकिन इसमें कोई भी वे सदस्य शामिल नहीं हैं, जिन्होंने पांच माह तक चली सुनवाई में राजनीतिक दलों के खिलाफ आई शिकायतों पर सुनवाई की थी।

 
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