सर्वे 2018: रोजगार, कृषि, शिक्षा पर होगा सरकार का फोकस, निजी निवेश में सुधार के संकेत
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज वित्त वर्ष 2018 का आर्थिक सर्वे पेश किया। इस सर्वे में वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ के 7 से 7.5 फीसद रहने की अनुमान लगया है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 6.75 फीसद रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वे में महंगे क्रूड को अर्थव्यवस्था के लिहाज से सबसे बड़ी चिंता बताया गया है।
नीति आयोग की पहली प्रतिक्रिया:
आर्थिक सर्वे 2018 पेश होने के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि अगले साल आर्थिक विकास दर 8 फीसद तक पहुंच सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में अभी भी दिक्कतें बाकी हैं, ऐसे में अपेक्षा है कि बजट में वित्त मंत्री का फोकस इस ओर जरूर होगा। कर संग्रह पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 50 फीसद का इजाफा हुआ है। साथ ही आगे भी जीएसटी रेवेन्यु में बढ़ोतरी की उम्मीद है। रोजगार के मुद्दे पर राजीव कुमार ने कहा कि संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही बजट में यह अपेक्षित है कि सरकार रोजगार के लिए कुछ खास इंतजाम करेगी। मसलन, इंडस्ट्री के हिसाब से युवाओं को स्किल डेवलपमेंट देकर रोजगार के लिए तैयार करने जैसा कोई प्लान अपेक्षित है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वे, पढ़े पूरी खबर…
निजी निवेश बढ़ने के संकेत:
क्रिसिल के प्रमुख अर्थशास्त्री डी के जोशी ने इकोनॉमिक सर्वे पेश होने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए यह कहा कि आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में निजी निवेश बढ़ने के आसार हैं। जोशी ने कहा कि कंपनियां फिलहाल अपने मुनाफे का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में इस्तेमाल कर रही हैं। ब्याज दरें निचले स्तर पर पहुंचने के बाद यह उम्मीद है कि कंपनियों की ओर से मुनाफे का हिस्सा कैपेक्स में भी इस्तेमाल किया जाएगा। जोशी ने यह संभावना जताई है कि इस साल निचले निवेश के गिरने का सिलसिला थम जाएगा, वहीं अगले साल से इसमें कुछ सुधार दिखने की उम्मीद है।
इकोनॉमिक सर्वे की बड़ी बातें:
• इस सर्वे में वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ के 7 से 7.5 फीसद रहने की अनुमान लगया है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 6.75 फीसद रहने का अनुमान है।