राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वे, पढ़े पूरी खबर…

संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है और इसके साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में देश का आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए सत्र की शुरुआत की।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह नए भारत के सपने के लिए अहम वर्ष है।सरकार आम आदमी की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। शायद ही किसी ने सोचा हो कि शौचालय का निर्माण सामाजिक निर्माण में सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि 2019 में जब देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंति मना रहा हो तब पूरा देश साफ हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि तीन तलाक बिल संसद में पेश हो चुका है और उम्मीद है कि इसे पास कर संसद देश की मुस्लिम बहनों और बेटियों को नए साल का तोहफा देगी।

इसके अलावा राष्ट्रपति ने जनधन योजना, मुद्रा योजना, उज्जवला योजना के अलावा डिजिटल इंडिया, स्कील इंडिया योजनाओं के तहत सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया।

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में सरकार ने तीन तलाक बिल पेश किया है, उम्मीद है कि यह बिल संसद में पास होगा। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद पहुंचे। उनके साथ उपराष्ट्रपति वैकेंया नायडू और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी हैं।

इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सर्वे पेश करेंगे। 1 फरवरी को संसद में केंद्र सरकार देश का आम बजट पेश करेगी। इस सत्र में बजट के अलावा तीन तलाकसमेत कई अहम बिलों पर चर्चा होगी। तीन तलाक से जुड़ा बिल लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा में विपक्ष ने इसकी राह रोक रखी है।

माना जा रहा है कि संसद का बजट सत्र भी हंगामेदार हो सकता है। रविवार को पहले सरकार और फिर लोकसभा अध्यक्ष की सर्वदलीय बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई।

विपक्ष सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक संकट, करणी सेना के उत्पात और कासगंज की सांप्रदायिक घटना जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार को राजी करना चाहता है। वह भी अपनी शर्तों पर। दूसरी तरफ, सरकार एक साथ तीन तलाक और ओबीसी आयोग जैसे मुद्दों पर आगे बढ़ना चाहती है।

ऐसे में फिर से अवरोध उत्पन्न हो तो आश्चर्य नहीं। रविवार को पहले सरकार की और फिर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए और उन्होंने सभी दलों से अपील की कि बजट सत्र के महत्व को देखते हुए सहयोग के साथ सदन चलाएं।

उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सुझावों को गंभीरता से लेती है। विपक्ष को यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार किसान, रोजगार व आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे, गुलाम नबी आजाद, सपा नेता मुलायम सिंह, भाकपा के डी राजा, द्रमुक की कनीमोरी, तृणमूल के सुदीप वंद्योपाध्याय, राकांपा के तारिक अनवर समेत शिवसेना और कुछ विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। लोकसभा अध्यक्ष की बैठक में भी इनकी मौजूदगी थी।

पर सत्तापक्ष और विपक्ष की प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं। दरअसल, सरकार चाहेगी कि राज्यसभा में तीन तलाक और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी बिल पर पहले फैसला हो। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बजट सत्र के एजेंडे की जानकारी देते हुए बताया कि तीन तलाक बिल को राज्यसभा से पास कराना उनकी प्राथमिकता में है। विपक्ष को इस मामले में जीएसटी जैसी सर्वसम्मति दिखानी चाहिए।

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कोविंद पहली बार करेंगे संसद को संबोधित

बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। वे संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। यह संसद में उनका पहला अभिभाषण होगा। परंपरा के अनुसार, संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति के संबोधन से शुरू होता है। इसमें राष्ट्रपति सरकार की योजनाओं का खाका देश के सामने रखते हैं।

विपक्ष आज बनाएगा रणनीति

विपक्ष सोमवार सुबह संसद परिसर में ही बैठक कर सरकार को घेरने की रणनीति तय करेगा। हरियाणा में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर भी केंद्र से सवाल पूछा जाएगा। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राहुल गांधी को छठी लाइन में सीट देने पर भी सवाल उठाया जा सकता है।

सूत्रों की मानें, तो बजट पेश होने तक कोई अवरोध नहीं होगा। लेकिन उसके बाद संसद का माहौल गर्म रहेगा। गौरतलब है कि फरवरी में उत्तर पूर्व के तीन राज्यों में चुनाव है। कांग्रेस के साथ-साथ वाम मोर्चा के लिए भी यह चुनाव अहम है।

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