कमजोर वर्ग की क्रिकेट प्रतिभाओं को सामने लायेगा सुदामा प्रीमियर लीग

लखनऊ। आर्थिक कारणों और सही मंच व सहयोग न मिल पाने के कारण खेल की प्रतिभायें दब कर रह जाती है, ऐसी ही प्रतिभाओं को आगे लाने के लिये पीपल्स राइट एण्ड सोशल रिसर्च सेन्टर (प्रसार) ने कदम उठाया है। इस कदम के तहत उसने क्रिकेट में आर्थिक एवं पिछड़े वर्ग से प्रतिभाओं को सामने लाने के लिये सुदामा प्रीमियर लीग  क्रिकेट प्रतियोगिता शुरू की है, जिसमें विजेता टीम के खिलाड़ियों को न सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण के लिये भेजा जायेगा बल्कि उपविजेता टीम के खिलाड़ियों को देश की प्रतिष्ठित अकादमियों में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा।
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आर्थिक एवं पिछड़े वर्ग की क्रिकेट प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये सुदामा प्रीमियर लीग की पहल की गयी है। यह प्रतियोगिता फिलहाल नयी दिल्ली में 14 फरवरी से प्रारम्भ हो चुकी है जो 11 मार्च तक चलेगी। खिलाड़ियों के चयन के लिये खुली और पारदर्शी स्क्रीनिंग की गई, जिसमें पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के 16 से 23 आयु वर्ग के 750 युवाओं ने हिस्सा लिया।
विजेता खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेट अकादमी में मिलेगा प्रशिक्षण
ट्रायल और फिर अंतिम चयन में 300 युवा एवं प्रतिभाशाली लड़कों को चुना गया, जिन्हें पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन, संजीव शर्मा, के. हरिहरन जैसे दिग्गजों की छत्रछाया में मार्गदर्षन एवं प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें प्रशिक्षण अवधि के दौरान यूनिफाॅम्र्स, क्रिकेट किट्स तथा अन्य सभी सुविधाएं मुफ्त में दी गईं। खेली जा रही इस प्रतियोगिता का उद्घाटन पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने किया और क्रिकेट की प्रतिभाओं को तलाशने के लिये की गयी इस तरह की पहल का स्वागत किया।
वहीं पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन सहित मौजूद कई प्रमुख लोगों ने भी इस तरह की क्रिकेट प्रतियोगिता की सराहना की। मनोचिकित्सक डाॅ. समीर पारेख, चेयरमैन एंड हेड, डिपार्टमेंट आॅफ मेंटल एंड बिहेवियरल साइंसेज, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा खेल मनोविज्ञान एक प्रवीणता है, जो सभी खेलों में सामान्य है, जहां खिलाड़ियों से इष्टतम प्रदर्शन कराने के लिए विज्ञान को लागू किया जाता है, वहीं खिलाड़ियों का मानसिक कल्याण सुनिष्चित होता है।
इस पहल को शुरू करने वाली संस्था प्रसार के अध्यक्ष आशुतोष लोहिया ने बताया कि भारतीय क्रिकेट टीम में प्रतिभाओं के उभार के बीच, लोग ऐसे कुछ खिलाड़ियों से अनजान नहीं हैं, जो काफी गरीब पृष्ठभूमि से आए हैं और अपनी बेहतरीन प्रतिभा और दम-खम की बदौलत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक दिखाई है और खेल में अपने प्रदर्शन के दम पर खास जगह बनाई है। ऐसी ही प्रतिभाओं को आगे लाने के प्रयास के तहत् इन खिलाड़ियों को एक बड़ा प्लेटफाॅर्म प्रदान कर उन्हें अपने पूर्ववर्तियों से भी ज्यादा चमक बिखेरने का मौका प्रदान करने के लिए, प्रवर्तकों ने ऐसे युवाओं में जीत की भूख को प्रज्जवलित किया है, जो अपनी छिपी प्रतिभा को उजागर करना चाहते थे।
भारत में असीमित प्रतिभा और कौषल का अनप्रयुक्त भंडार है, जिसे प्रसार ने सार्वजनिक मंच पर लाने का प्रयास किया है और ऐसी आबादी तक पहुंच बनाकर उनके भविश्य संवारने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्होंने इसका केवल सपना देखा था। यह इन खिलाड़ियों को संसाधनों की कमी के कारण आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए प्रेरित करेगा और यह अनूठा प्रारूप एवं सकारात्मक पहल राष्ट्र निर्माण तथा सोशल इंजीनियरिंग के लिए एक मिसाल पेश करेगा।
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