राज्‍य सरकार ने वोकेशनल टीचर्स के मानदेय में की वृद्धि, जानें कितनी हुई वृद्धि

हरियाणा में वोकेशनल टीचर्स को मानदेय में सात हजार 259 रुपये की बढ़ोतरी का तोहफा मिला है। अब हर महीने उन्हें 23 हजार 241 रुपये की बजाय 30 हजार 500 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा अगले साल से हर वर्ष पांच प्रतिशत की वेतन वृद्धि भी मिलेगी।

हर महीने मिलेंगे 30 हजार 500 रुपये, हर साल पांच प्रतिशत बढ़ेगा मानदेय

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह ने शुक्रवार को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिया। बढ़ा हुआ मानदेय इस साल पहली जनवरी से लागू होगा। फैसले से 2094 वोकेशनल टीचर्स को फायदा होगा। हरियाणा वोकेशनल टीचर्स एसोसिएशन की ओर 59 दिन तक धरना दिये जाने के बाद विगत 23 दिसंबर को

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मानदेय में बढ़ाेतरी की घोषणा की थी जिसे अब अमलीजामा पहना दिया गया है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद में निजी कंपनियों के तहत काम कर वोकेशनल टीचर्स को ठेकेदारी प्रथा से भी मुक्त किया जाएगा। इसके लिए हरियाणा रोजगार कौशल निगम में स्पेशल कैटेगरी बनाकर वोकेशनल टीचर्स के पद पर नामांकन किया जाएगा।

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गांवों में फसल अवशेष जलाने पर नजर रखेंगी कमेटियां

रबी सीजन में किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एक्स सीटू प्रबंधन के लिए वर्तमान प्रौद्योगिकियों के अलावा नई तकनीकों और परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने को कहा।

फसल अवशेषों के एक्स सीटू प्रबंधन की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले साल फाने (गेहूं के फसल अवशेष) और पराली (धान के अवशेष) जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई थी। इस साल इसमें और कमी लाने के लिए अभी से कार्ययोजना तैयार की जाए। ग्राम स्तर पर कमेटियां बनाए जाएं ताकि जमीनी स्तर पर फाने और पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जा सके। यह कमेटियां किसानों को भी जागरूक करेंगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में इन-सीटू प्रबंधन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। इसी तर्ज पर एक्स सीटू प्रबंधन पर जोर दिया जाना चाहिए। बायोमास एनर्जी प्लांट, एथेनाल प्लांट और कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की संख्या बढ़ाने के लिए सहकारी चीनी मिलों की लागत का अध्ययन (कास्टिंग स्टडी) कराया जाए ताकि अधिक मात्रा में पराली की खपत को बढ़ावा मिले।

बैठक में कृषि महानिदेशक हरदीप सिंह ने बताया कि किसानों को स्ट्रा स्लैशर, शरेडर, हे-रेक और स्ट्रा बेलर के लिए सब्सिडी दी जा रही है ताकि किसान फसल अवशेषों को न जलाएं। पिछले साल किसानों को एक्स सीटू प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर 449 स्ट्रा बेलर दिए गए। इस वर्ष के लिए 26 औद्योगिक इकाइयों ने सवा लाख टन पराली की आवश्यकता दर्ज कराई है।

उन्‍होंने कहा कि पराली की खपत के लिए प्रदेश में 11 बायोमास प्रोजेक्ट संचालित हैं जिनमें 4.48 लाख टन पराली का उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में 6.43 लाख टन पराली की खपत बायोमास प्रोजेक्ट में होगी। दो और बायोमास पावर प्रोजेक्ट तथा एक एथेनाल प्लांट का कार्य भी आगामी जुलाई में पूरा हो जाएगा। इन प्लांट के पूरा होने से 4.26 लाख टन पराली का अतिरिक्त उपयोग किया जाएगा।

इस दौरान पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन राघवेंद्र राव ने भी अपनी बात रखी।

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