दागी नेताओं के खिलाफ 1 मार्च से स्पेशल कोर्ट में ट्रायल निश्चित हो, केंद्र फंड दे: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिए कि दागी नेताओं के खिलाफ ट्रायल शुरू करने के लिए राज्यों को 7.8 करोड़ रुपए का फंड जारी करे। जिन राज्यों में ये स्पेशल कोर्ट बनाई जानी हैं, वहां की सरकारें हाईकोर्ट से सलाह करके इनका गठन करें। SC ने ये भी कहा कि HC से कंस्लटेशन के जरिए ये निश्चित किया जा सकेगा कि 1 मार्च 2018 से स्पेशल कोर्ट में ट्रायल शुरू किए जा सकें। इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान SC ने कहा था कि ऐसी अदालतें बनाना देशहित में है।दागी नेताओं के खिलाफ 1 मार्च से स्पेशल कोर्ट में ट्रायल निश्चित हो, केंद्र फंड दे: सुप्रीम कोर्ट

केसेस का डाटा कलेक्ट करने के लिए 2 महीने का दिया वक्त

– जस्टिस रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की बेंच ने केंद्र को 2 महीने का वक्त दिया है ताकि देशभर में राजनेताओं के खिलाफ अटके मामलों का डाटा कलेक्ट किया जा सके।
– बेंच ने कहा, “दोषी राजनीतिज्ञों के खिलाफ आजीवन बैन लगाने के मुद्दे पर मार्च के महीने में सुनावई की जाएगी। इस पर अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।’

नई कोर्ट जरूरत हैं, इससे फायदा हुआ है- केंद्र

– सितंबर में केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल ने कहा था, “MPs and MLAs के खिलाफ बेहिसाब संपत्ति मामलों की जांच के बारे में सीबीडीटी इन मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है। इलेक्शन कमीशन से भी मदद ली जा रही है। अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उनके एफिडेविट की भी जांच की जा सकती है। नई कोर्ट वक्त की जरूरत हैं। ये पहले भी बेहतर काम कर चुकी हैं। इनसे फायदा ही हुआ है।”

500 गुना बढ़ी इनकम, SC ने पूछा था- एक्शन क्या हुआ?

– सेंट्रल डायरेक्ट टैक्स बोर्ड (सीबीडीटी) ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सात लोकसभा सांसदों और 98 विधायकों के नाम सौंपे थे। ये वो MP, MLAs थे जिनकी इनकम दो इलेक्शंस के बीच कई गुना बढ़ी पाई गई। सीबीडीटी इनके खिलाफ जांच कर रही है।
– सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि जिन नेताओं की प्रॉपर्टी दो चुनावों के बीच 500 फीसदी तक बढ़ गई, उन पर क्या एक्शन लिया गया?

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कितने MPs-MLAs पर हैं केस?

– एडीआर ने 4,896 में से 4,852 सांसदों-विधायकों के चुनावी हलफनामों के आधार पर रिपोर्ट दी थी। इनमें से 1,581 पर आपराधिक केस दर्ज हैं।
– 543 लोकसभा सांसदों में से 184 (34%) के खिलाफ क्रिमिनल केस मामले
– 231 राज्यसभा सांसदों में से 44 (19%) पर भी क्रिमिनल केस
– 4078 विधायकों में से 1,353 (33%) के खिलाफ क्रिमिनल केस

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