तेज बारिश के बाद एक बार फिर उमस के साथ शुरू हुई दिन की शुरुआत, शाम तक फिर बादल डालेंगे डेरा….

मानसून अपने साथ आषाढ़ के आंगन में सावन की सुगंध लेकर आई है। गुरुवार को मेघ जमकर बरसे तो गर्मी और तपिश से निजात का इंतजार कर रही धरा झूम उठी। आसमान में काले बादल घुमड़ते रहे तो पूरे दिन रुक-रुककर रिमझिम फुहार गिरती रही। हालांकि, शुक्रवार को एक बार फिर दिन की शुरुआत उमस से हुई है। मौसम जानकारों की अनुसार शाम तक एक बार फिर आसमान में बादल छा सकते हैं। तापमान लुढ़ककर अधिकतम 26.6 और न्यूनतम 23.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इससे पहले बुधवार को अधिकतम तापमान 33.0 और न्यूनतम 28.0 डिग्री सेल्सियस था। मौसम विज्ञानी ने अगले दो दिन तक वर्षा होने की उम्मीद जताई है।

नौ साल का सूखा खत्म

नौ साल के लंबे इंतजार के बाद मानसून की शुरुआत में गुरुवार 30 जून को बरसात हुई। 42.2 मिलीमीटर वर्षा होने से दिन का पारा सात डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इससे पहले 30 जून 2013 को 87.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। इसलिए अब वर्षा होते रहने से लोगों को गर्मी में परेशान नहीं होना पड़ेगा। 

फसलों की बोआई के लिए वर्षा फायदेमंद

मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि वर्षा धान, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर व सब्जियों की बोआई के लिए फायदेमंद है। किसान धान की मध्यम व देर से पकने वाली प्रजातियों की रोपाई जुलाई माह के शुरुआती 15 दिन में पूरी कर लें। जल्दी पकने वाली प्रजातियों की रोपाई जुलाई के दूसरे पखवाड़े में करना उचित रहेगा। भूमि में उर्वरक का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करें। उन्होंने बताया कि बाजरा की बोआई 15 जुलाई के बाद पूरे माह कर सकते हैं। ज्वार की बोआई माह के प्रथम पखवाड़े तक पूरी कर लें।

Back to top button