तो इस वजह से इमरान खान के शपथ ग्रहण में नही बुलाया किसी को भी, सिर्फ इनको बुलाया

पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. इमरान खान के शपथग्रहण में किसी विदेशी नेता को नहीं बुलाया जाएगा. पहले चर्चा थी कि इमरान खान के शपथग्रहण में सार्क देशों के प्रमुखों को बुलाया जाएगा. इमरान खान के शपथ ग्रहण में उनके कुछ खास विदेशी दोस्त ही शामिल होंगे. अभी तक इमरान खान के शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं है, पहले खबर थी कि वो 11 अगस्त को शपथ लेंगे.

भारत किसी पर पाबंदी नहीं लगाएगा: सूत्र

इमरान की ओर से भारत में पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, पूर्व क्रिकेटर कपिल देव, पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और अभिनेता आमिर खान को न्योता भेजा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान खान के न्योते को स्वीकार कर लिया है. सिद्धू ने कहा है कि वो नेता की हैसियत से नहीं बल्कि पूर्व क्रिकेटर और इमरान खान के दोस्त की हैसियत से जाएंगे. भारत सरकार के विदेश सूत्रों के मुताबिक सरकार किसी के जाने पर बंदिश नहीं लगाएगी.

इसी तरह कपिल देव ने भी कहा कि उन्होंने नहीं देखा है कि उन्हें न्योते में क्या आया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर बुलावा है तो वो जाएंगे.

सादगी से होगा कार्यक्रम, सिर्फ चाय बिस्कुट का इंतजाम

पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार मोना आलम ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इमरान खान का शपथ ग्रहण बेहद सादगी से राष्ट्रपति भवन में होगा. ऐसे में अगर वो सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाते हैं तो उन्हें दोनों देशों के उच्चायोगों को शामिल करना होगा. इसके साथ ही इसमें खर्च भी बहुत होगा. इसलिए कुछ चुनिंद दोस्तों को ही बुलाया जाएगा. ये लोग पाकिस्तान के राजकीय मेहमान होंगे. इसके साथ ही मोना आलम ने बताया कि शपथ ग्रहण में सिर्फ चाय -बिस्कुट का ही इंतजाम होगा. निजी मेहमानों के भोजन का खर्च इमरान खुद उठाएंगे.

इमरान खान के ‘गद्दी’ संभालने से पहले आई एक बुरी खबर…

न्योते पर राजनीति: स्वामी बोले- जो जाएगा वो आतंकवादी

इमरान के न्योते के बाद भारत में विवाद शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा कि जो लोग पाकिस्तान जाएंगे उन्हें आतंकवादी माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ”जो लोग इमरान खान के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाएंगे. उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल देना चाहिए. उन्हें बुरी नजर से देखना चाहिए. उन्हें आतंकवादी की तरह देखा जाना चाहिए.”

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