इसलिए सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को होता है सबसे बड़ा खतरा!

चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, इसके बावजूद भी अधिकांश गर्भवती महिलाएं और उनका परिवार ग्रहण को लेकर थोड़ा परेशान रहता हैं. जब भी ग्रहण लगता है तो गर्भवती महिलाओं पर कई नियम बना दिए जाते है. 

उन नियमो के अनुसार ही महिलाओं को चलना पड़ता है. लेकिन किसी ने कभी इस बात पर विचार किया है की ग्रहण के नाम पर गर्भवती महिलाएं और उनका परिवार परेशान क्यों रहता है.

पुराणों के अनुसार मान्यता है की राहु चंद्रमा को और केतु सूर्य को ग्रस लेता है, यह दोनों ही छाया की संतान हैं, जो सूर्य और चंद्रमा की छाया के साथ-साथ ही चलते हैं. कहा जता है की चंद्र ग्रहण से व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति में कमी हो जाती है, जबकि सूर्य ग्रहण व्यक्ति की आखो और लीवर की परेशानियों का कारण बनता है. इन कारणों के चलते बड़े- बुजुर्ग गर्भवती स्त्री पर सूर्य ग्रहण की छाया नहीं पड़ने देते है. और उन महिलाओं को सूर्यग्रहण देखने से मना करते है. यदि गर्भवती महिला सूर्यग्रहण को देखती है तो उसका शिशु विकलांग बन सकता है.

गर्भपात की संभावना

ऐसा माना जाता है की यह घटना अंतरिक्ष में होती है, जहा अधिक ऊर्जा का हनन होता है. यह ऊर्जा महिला के पेट में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक सिद्ध होती है, और उनके गर्भपात की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.

खाना खाने से रोका जाता है

कई स्थानों पर तो गर्भवती महिलाओं को खाने-पीने से भी परहेज करने के लिए कहा जाता है. इस स्थिति में यदि अधिक समय का ग्रहण होता है तो महिलाओं के लिए यह स्थिति विकट हो जाती है. डाक्टर्स इन बातों को बिल्कुल भी नहीं मानते है क्यों की प्रेग्नेट महिलाओं को हर दो घंटे में भोजन करना होता है, इसे में लम्बे समय के सूर्यग्रहण से महिलाओं को अधिक देर तक खाने से वंछित रहना पड़ता है.

पेट पर गोबर और तुलसी का लेप

अधिकतर देखा जाता है की घर की बुजुर्ग महिलाए गर्भवती महिलाओं के पेट पर गोबर और तुलसी का लेप लगाती है, ताकि ग्रहण में बच्चे को पेट में ठंडक मिलती रही.

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कैंची या चाकू वर्जित

ग्रहण की अवस्था में महिलाओं को कैंची या चाकू का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. कहा जता है कि ग्रहण के समय ऐसा करने से बच्चे के अंग कट जाते है या फिर आपस में जुड़ जाते है.

वहम है और कुछ नहीं

लोगो की इन धारणाओं के बीच वैज्ञानिक और डॉक्टर्स इन सभी बातो का खंडन करते है और इन्हें सिर्फ लोगो के द्वारा उपज की गई बाते कहते है. उनके अनुसार यह सिर्फ एक खगोलिय घटना है, इस घटना का ब्रह्मांड पर आंशिक रूप से असर हो सकता है, किन्तु किसी व्यक्ति विशेष पर इस घटना का कोई असर नहीं होता है. इस तरह की बाते महज लोगो ने अपने अनुसार बनाई है.

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