सिब्बल का बयान, कहा- महाभियोग का नोटिस खारिज करना गैरकानूनी

उपराष्ट्रपति द्वारा कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा चीफ जस्टिस के लिए प्रस्तावित महाभियोग को खारिज किए जाने के बाद अब इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए उपराष्ट्रपति के इस कदम को गैरकानूनी और गलत करार दिया। सिब्बल ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने बिना जांच के ही प्रस्ताव खारिज कर दिया। इसे जल्दबाजी में खारिज किया गया और उन्हें ऐसा करने के लिए गलत सलाह दी गई।

सिब्बल बोले कि उपराष्ट्रपति का काम यह देखना होता है कि प्रस्ताव के लिए जितने सांसदों की जरूरत है उतने सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं और बाकी सारी चीजे सही हैं तो उसे आगे बढ़ाए। इसके बाद यह प्रस्ताव तीन लोगों की कमेटी के पास जाता है। यह टीम जांच करती है जिसमें सारी चीजें होती हैं। उसके बाद तय होता है कि यह आरोप साबित हुए या नहीं, अगर आरोप साबित होते हैं तो यह मोशन सदन में जाएगा जिसके बाद राष्ट्रपति को एड्रेस जाएगा।

सिब्बल आगे बोले कि उपराष्ट्रपति ने एक कारण बताया है कि जो आरोप लगाए हैं वो चीफ जस्टिस द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने को साबित नहीं करते, अब बिना जांच के कोई चीज कैसे साबित होगी।

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सिब्बल ने आगे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका लगाएंगे और चीफ जस्टिस से अपील करेंगे कि वो इसके सम्मान में कोई फैसला ना दें। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगी हम मंजूर करेंगे।

बता दें कि उपराष्ट्रपति ने कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ लाया गया महाभियोग का प्रस्ताव खारिज कर दिया है।

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