पौष सोमवार पर शिववास योग समेत बन रहे हैं 6 संयोग
धार्मिक मत है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 23 December 2024) जानते हैं-
सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही दुख एवं क्लेश दूर हो जाते हैं। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भिन्न-भिन्न प्रकार से भगवान शिव का अभिषेक किया जा रहा है।
सामान्य जन अपने घरों पर शिव-शक्ति की पूजा कर रहे हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पौष सोमवार पर सौभाग्य और शोभन योग समेत शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 23 December 2024) जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आज यानी 23 दिसंबर को शाम 05 बजकर 07 मिनट तक है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। व्रती अपनी सुविधा के अनुसार समय पर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
योग
ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी एवं नवमी तिथि के शुभ अवसर पर सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। यह योग दिन भर है। इस योग का समापन शाम 07 बजकर 55 मिनट पर होगा। इसके बाद शोभन योग का संयोग बन रहा है। शोभन योग रात्रि भर है। वहीं, पौष सोमवार पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। भगवान शिव शाम 05 बजकर 07 मिनट तक गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। पौष सोमवार पर उत्तर भाद्रपद और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा, कौलव और तैतिल करण का भी संयोग है।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 23 December 2024)
सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 30 मिनट पर
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 45 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल – सुबह 08 बजकर 28 मिनट से 09 बजकर 46 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व
ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन
भगवान शिव के मंत्र
शिव मंत्र (Shiv Mantra)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।