पसीने की दुर्गंध दूर करता है ये योग स्वस्तिकासन, जानें क्या करने का सही तरीका
बैठकर किए जाने वाले आसनों में स्वसि्तकासन का क्रम पहला है। इससे तन-मन का संतुलन बनता है। मन शांत रहता है। अधिक पसीना नहीं आता। पसीने की दुर्गंध दूर होती है। मान्यता है कि यह आसन सभी रोगों से मुक्त करता है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने के बीच और बाएं पैर को मोड़कर दाएं घुटने के बीच इस प्रकार रखें कि दोनों पैरों के पंजे घुटनों के अंदर चले जाएं। फिर दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें।
पीठ बिल्कुल सीधी हो और घुटने जमीन से स्पर्श करते हुए हों। अब अपनी दृष्टि को नाक के अगले हिस्से पर केंद्रित कर मन को एकाग्र करें। आसन की इस स्थिति में कुछ पल बाद, सांस खींचकर यथाशक्ति रुकें। जब सहज न रहा जाए, तो सांस धीरे से निकल जाने दें। पुनः यही प्रक्रिया पैर बदलकर 20 मिनट करें।