SEBI की सुप्रीम कोर्ट में याचिका- सुब्रत रॉय तुरंत कंपनियों के बकाया 62600 करोड़ रुपये को चुकाएं, या जाएं जेल

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक बार फिर से सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की है। SEBI की मांग है कि सुब्रत रॉय तुरंत अपने दो कंपनियों के बकाया 62600 करोड़ रुपये जमा कराए, साथ ही ये भी मांग की गई है कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो फिर से उन्हें जेल भेजा जाए। बता दें कि सुब्रत रॉय इन दिनों परोल पर जेल से बाहर हैं।

SEBI की क्या है डिमांड?

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में SEBI ने कहा है कि साल 2012 और 2015 में सुब्रत रॉय को कोर्ट ने आदेश दिया था कि वो 15% सालाना ब्याज के साथ निवेशकों का पैसा वापस करे. लेकिन सहारा की तरफ से ऐसा नहीं किया गया। साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि पिछले 8 साल से सुब्रत रॉय की कंपनी ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। SEBI के मुताबिक निवेशक परेशान हैं जबकि रॉय जेल से बाहर आ कर मजे कर रहे हैं।

सहारा की सफाई

SEBI की तरफ से कहा गया है कि सहारा ने अब तक निवेशकों के सिर्फ मूलधन वापस किए हैं। ये बढ़ कर अब 62,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उधर सारे आरोपों पर सहारा का कहना है कि उनकी तरफ से 2020 करोड़ रुपये जमा कर दिए गए हैं। साथ ही सहारा ने ये भी कहा है कि इतने पैसे देने के बाद भी पूरे अमाउंट पर ब्याज जोड़ा जा रहा है जो कि गलत है।

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जेल से बाहर हैं सुब्रत रॉय

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को मार्च 2014 में गिरफ्तार किया गया था। वो अदालत की अवमानना ​​से जुड़ी एक सुनवाई में शामिल नहीं हो पाए थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। सुब्रत रॉय को मां के अंतिम संस्कार के लिए 6 मई, 2016 को पैरोल दी गई थी। उसके बाद 28 नवंबर, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को जेल से बाहर रहने के लिए 6 फरवरी, 2017 तक 600 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि सहारा ग्रुप में ऐसे 4 कोऑपरेटिव सोसाइटीज में करीब 4 करोड़ डिपॉजिटर्स ने अपनी बचत के लिए पैसे जमा कर रखे है। अब इन सोसाइटीज पर केंद्र सरकार की नजर है। दरअसल, सहारा ग्रुप पर फ्रॉड का आरोप लगा है। माना जा रहा है कि सहारा ग्रुप ने इन डिपॉजिटर्स से 86,673 करोड़ रुपये जुटाए और फिर इसमें से 62,643 करोड़ रुपये एम्बी वैली लिमिटेड में इन्वेस्ट कर दिए।

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