जल्‍द ही बिहार में बंद किए जा सकते हैं स्‍कूल, केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को किया अलर्ट

बिहार में स्‍कूल जल्‍द ही बंद किए जा सकते हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण और ठंड के असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को इस बारे में अलर्ट कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि तापमान के सात डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की स्थिति में सुबह की पाली में स्‍कूलों का संचालन नहीं किया जाए। साथ ही, अगर जरूरत महसूस हो तो स्‍कूल बंद भी कर दिए जाएं। केंद्र सरकार की इस गाइडलाइन के अनुरूप बिहार के शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को उचित फैसला लेने के लिए निर्देश दे दिया है।

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा एवं एसएसए) को निर्देश दिया है। हालांकि अभी राज्‍य के ज्‍यादातर हिस्‍सों में तापमान सात डिग्री सेल्‍सियस तक नहीं पहुंचा है। लेकिन, पटना के मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक दो-तीन दिनों में ही तापमान इस हद तक नीचे जा सकता है।

बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई करें

इसमें कहा गया है कि यदि तापमान सात डिग्री सेल्सियस से कम हो जाए, तो इसे शीतलहर की स्थिति मानी जाती है। इसके मद्देनजर जाड़ा में कारोना की स्थिति से बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। स्कूलों को सैनेटाइज कराएं। सैनेटाइज कराने के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिध और बीडीओ का सहयोग लें।

सात डिग्री से कम तापमान को शीतलहर की स्थिति माना जाता है

निर्देश में कहा गया है कि सामान्यत: दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक शीतलहर का प्रकोप रहता है। सात डिग्री से कम तापमान को शीतलहर की स्थिति माना जाता है। शीतलहर के कारण स्कूल बंद करना पड़े तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, बच्चों और अभिभावकों को सूचना तुरंत उपलब्ध कराया जाए, इसके लिए समाचार पत्रों और अन्य सूचना माध्यम का सहारा लें।

शीतलहर से बचाव का दिशा निर्देश या पोस्टर के रूप में विद्यालय के सूचनापट्‌ट पर लगाया जाए। लंच के समय बच्चों को बाहर बहुत समय तक खेलने की अनुमति नहीं दें। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने कहा है कि बच्चों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। स्कूल में किसी बच्चे की तबीयत खराब होने पर तत्काल अभिभावक को इसकी सूचना दी जाए। इसके साथ ही बचाव के लिए कई सामान्य निर्देश दिए गए हैं। 

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