रूसी एयरलाइंस ने काले रंग के कारण यात्रियों को उतार नीचे…
रूसी एयरलाइंस ‘एयरोफ्लॉट’ में नस्लीय भेदभाव की शिकायत के मुताबिक, पांच एशियाई-अमेरिकी यात्रियों को न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट से महज इसलिए उतार दिया गया, क्योंकि उनके शरीर का रंग काला था. रूसी एयरलाइंस ने इन पांचों यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से नई दिल्ली वापस भेज दिया. ब्रिटेन के अखबार में छपी खबरों के मुताबिक, एयरोफ्लॉट की फ्लाइट से निकाले गए सभी यात्री दक्षिण एशियाई मूल के हैं. एयरोफ्लॉट स्टाफ ने इन यात्रियों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने दूसरे प्लेन पर बैठने से इनकार किया, तो उन्हें भारत ‘डिपोर्ट’ कर दिया जाएगा.
एयरोफ्लॉट की फ्लाइट से निकाले गए सभी पांच यात्री 7 जनवरी को दिल्ली से अमेरिका की यात्रा करने वाले थे, लेकिन भारी बर्फबारी के चलते जॉन एफ केनेडी (JFK) इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गई थी. ऐसे में ये यात्री मॉस्को में फंस गए थे. रूसी एयरलाइंस ने तब सीट उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर इन यात्रियों को दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट करवा दिया था. रूसी एयरलाइंस का यह भी कहना था कि इन यात्रियों के पास ट्रांजिट वीजा नहीं थे.
इस बात को लेकर अमेरिका और EU को कड़ा जवाब देगा रूस
ऐसे में रूसी कानून के तहत वे 24 घंटे से ज्यादा न तो शेरेमेटेवो एयरपोर्ट पर रुक सकते थे और न ही रूस में रह सकते थे. ऐसे में उन्हें दूसरी फ्लाइट में शिफ्ट किया गया. यात्रियों ने एयरलाइंस की बातों को खारिज किया है. यात्रियों के मुताबिक, उन्होंने मॉस्को में यूएस एंबेसी को फोन किया था और बताया था कि अमेरिकी नागरिकों को बिना उनकी मर्जी के किसी तीसरे देश में डिपोर्ट करना गैरकानूनी है.