CM योगी धर्म तथा राजनीति को मानते हैं एक-दूसरे के पूरक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के सोलह महीने बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर वैसे हैं, जैसे कि सत्ता संभालने के वक्त थे। अपनी सरकार के कामकाज को लेकर वह आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं। विपक्ष के हर आरोपों का उनके पास स्पष्ट जवाब है।CM योगी धर्म तथा राजनीति को मानते हैं एक-दूसरे के पूरक

अब तक प्रदेश के सभी जिलों में जा चुके योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि बहुत कम समय में उनकी सरकार ने प्रदेश को सही रास्ते पर ला दिया है। इसके साथ ही वह मानते है कि धर्म तथा राजनीति एक-दूसरे के पूरक हैं। आने वाले चुनाव, राम मंदिर, पदोन्नतियों में आरक्षण और कई और ज्वलंत मुद्दों पर उन्होंने दैनिक जागरण वरिष्ठ कार्यकारी संपादक प्रशांत मिश्र और राज्य संपादक आशुतोष शुक्ल से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश–

चाणक्य ने कहा है कि धर्म और राजनीति को अलग-अलग होना चाहिए। आप क्या कहेंगे?

– धर्म और राजनीति अलग नहीं, एक-दूसरे के पूरक हैैं। इन दोनों की दिशा एक होनी चाहिए। धर्म एक शाश्वत व्यवस्था है। इसे पूजा पद्धति से नहीं जोड़ा जा सकता। किसी को पूजा पद्धति थोपने का अधिकार नहीं। यह व्यक्तिगत है। हर काल, देश और परिस्थिति में धर्म के मूल्य शाश्वत रहते हैैं। इन पर सामाजिक व्यवस्था टिकी है।

धर्म क्या है?

धर्म एक शाश्वत व्यवस्था है। धर्म को पूजा पद्धति से नहीं जोड़ा जा सकता। यह व्यक्तिगत है। मुझे अपनी पूजा पद्धति किसी और पर थोपने का अधिकार नहीं है। हर देश, काल और परिस्थिति में धर्म के मूल्य शाश्वत रहते हैं और इन्हीं पर सकारात्मक व्यवस्था टिकी रहती है। इनका पालन होना चाहिए परंतु कुरीतियों से बचना चाहिए।मनुष्य का जीवन हमेशा के लिए नहीं तो कुर्सी कैसे स्थायी रहेगी, आपने नोएडा मिथक को तोड़ा?

मैैं अपशकुन को नहीं मानता। मेरा मानना है कि जब मनुष्य का जीवन हमेशा के लिए नहीं है तो कुर्सी क्या हमेशा रहेगी। मुझसे लोगों ने बिजनौर जाने के लिए भी मना किया था। लेकिन, मैैं वहां गया। इसी तरह आगरा जाने लगा तो लोगों ने कहा कि वहां के गेस्टहाउस में मत रुकिएगा। मैैं रुका। नोएडा जाने को अपशकुन बताया, मैैंने कहा कि यह नोएडा वालों के साथ अन्याय होगा। मैैं फिर नोएडा जाऊंगा। मेरा मानना है कि कुछ भी अपशकुन नहीं होता। 

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