चुनाव आयोग की सिफारिश की नामंजूर, RBI ने दिया नेताओं को बड़ा झटका
आयोग ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरबीआइ ने स्थिति को भांपा नहीं है। सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मुहैया कराना और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है। उचित ढंग से चुनाव कराने के लिए यह जरूरी है कि आयोग के निर्देशों का पालन किया जाए। इसलिए केंद्रीय बैंक को प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया जाता है।
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उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने आरबीआइ को पत्र लिखकर कहा था कि उसे इस बात की जानकारी हुई है कि उम्मीदवारों बैंक से रकम निकालने की सीमा के चलते परेशानी आ रही है। आयोग ने कहा कि विधान सभा क्षेत्र का रिटर्निग ऑफिसर इस आशय का प्रमाणपत्र जारी करेगा कि उक्त व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है और उसे बैंक से हर सप्ताह दो लाख रुपये निकालने की इजाजत दी जाए। यह राशि चुनाव के लिए अलग से खोले गए बैंक खाते से ही निकाली जा सकेगी। यह सुविधा 11 मार्च तक प्रदान की जाए। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को अलग बैंक खाता खोलना होता है जिसकी निगरानी चुनाव आयोग करता है।
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आयोग ने कहा कि 24,000 रुपये की साप्ताहिक सीमा होने पर एक उम्मीदवार तीन से चार सप्ताह तक चलने वाले चुनाव के दौरान महज 96,000 रुपये ही निकाल सकेगा। आयोग ने आरबीआइ को यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 28 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं। हालांकि गोवा और मणिपुर में यह सीमा 20 लाख रुपये है। आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को छोटे-छोटे खर्च के लिए नकदी की आवश्यकता होती है।