बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण को बिगाड़ सकती है रजनी रावत 

आम आदमी पार्टी का दामन थामते ही पूर्व दायित्वधारी रजनी रावत ने भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप के संस्थापक सदस्य अरविंद केजरीवाल ने उनके हाथ में झाड़ू पकड़ाकर देहरादून नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की सफाई का जिम्मा उन्हें सौंपा है। वहीं, रजनी रावत के महापौर पद पर दावेदारी से बीजेपी-कांग्रेस के समीकर बिगाड़ सकती हैं। बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण को बिगाड़ सकती है रजनी रावत 

कांग्रेस महापौर की दौड़ से बाहर है, इसलिए बीजेपी को हराने के लिए पूरे शहर का सहयोग लिया जाएगा। आज शहर की मलिन बस्तियों के हजारों लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पिछले 10 वर्षो से नगर निगम में काबिज है और काम के नाम पर वार्डों में नालियों का निर्माण तक नहीं हो पाया है। 

रजनी रावत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। आज भ्रष्ट राजनीति और उत्तराखंड के हित में आम आदमी पार्टी जनता का पहला विकल्प है। 2008 के निकाय चुनाव में जनता ने उन्हें भाजपा-कांग्रेस के भ्रष्टाचार व शोषण से तंग होकर सहयोग दिया था। उन्होंने जनता के लिए एक समाजसेवी के रूप मे हर संभव मदद का प्रयास किया है। 

आप के प्रदेशध्यक्ष एसएस कलेर ने कहा कि रजनी रावत सैकड़ों समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुई हैं। कहा कि आप के पार्षद प्रत्याशियों की पहली सूची रविवार को जारी की जाएगी। इस अवसर पर आप के प्रदेश कोषाध्यक्ष श्यामबाबू पांडे, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश काला, प्रदेश सचिव डॉ. राकेश नेगी, जिलाध्यक्ष विशाल चौधरी, पुष्पा रावत, राजेश बहुगुणा आदि मौजूद रहे। 

रजनी बिगाड़ सकती हैं कांग्रेस-भाजपा का समीकरण 

रजनी रावत के लगातार तीसरी बार महापौर पद पर दावेदारी से भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। वर्ष 2008 व 2013 के नगर निगम चुनावों में रजनी रावत अपनी दमदार उपस्थिति से दोनों पार्टियों को कड़ी टक्कर दे चुकी हैं। वर्ष 2008 के नगर निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे विनोद चमोली को 60867 मत पड़े थे। जबकि, रजनी रावत 44294 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रही थीं। 

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रहे सूरत सिंह नेगी को 40643 मतों पर संतोष करना पड़ा था। वर्ष 2013 के चुनाव में बीजेपी से महापौर पद के प्रत्याशी रहे विनोद चमोली को 80530 मत मिले, जबकि कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को 57618 मत प्राप्त हुए थे। वहीं रजनी रावत 47589 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रही थीं। लेकिन, रजनी रावत की उपस्थिति से कांग्रेस को खासा नुकसान हुआ था। इस बार भी रजनी रावत के मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस-भाजपा के वरिष्ठ नेता कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

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