राहुल गांधी जनता के बीच की लड़ाई जनता के बीच ही लड़ें: रविशंकर प्रसाद

जज लोया केस में एसआईटी की जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी की ओर से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्‍मेलन किया. उन्‍हाेंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, ‘मेरे ख्याल में कांग्रेस पार्टी के लोग फॉरेंसिक एक्सपर्ट नहीं हैं. इस पूरे मामले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया है. राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए. कुछ लोग फैसले को तभी मानते हैं जब वह उनके मन के लायक हो.’ उन्‍होंने कहा, ‘जज लोया शादी में गये थे, हार्ट अटैक हुआ. वो बच नहीं पाए. कोर्ट ने पैरा 27 में कहा है कि सभी पक्षों को पूरा मौका दिया गया. उन्‍होंने कहा, ‘ जज लोया की 1 दिसंबर 2014 को मौत हुई. तीन साल तक कोई चर्चा नहीं हुई. 2017 में कारवां में एक लेख आया. उसके बाद खुराफात शरू हुई. हमलोगों ने खामोशी बरती क्योंकि मामला कोर्ट में था. लेकिन राहुल ने बहुत कुछ कहा.’

कानून मंत्री ने आगे कहा, ‘कोर्ट ने चार मेंबर ज्यूडिशियल रिपोर्ट को जांचा. लोया ने सीने मे दर्द की शिकायत की थी. इनका स्टेटमनेंट चीफ जस्टिस की सलाह पर रिकॉर्ड हुआ. बहस में चारों जजों पर टिप्पणी की गई. ज्यूडिशियल अफसर को बदनाम करने की कोशिश की गई. ये केस जनहित का नहीं, कांग्रेस के हित का था, अमित शाह के खिलाफ. उनके नाम पर कलंक आए इसलिए केस फ़ाइल किया. हम खामोश थे क्योंकि कोर्ट की कार्रवाई चल रही थी. ये राजनीति से प्रेरित केस था जनहित का नहीं.’

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उन्‍होंने राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कहा, ‘आप पार्टी के प्रेसिडेंट हैं. आज कोर्ट के फैसले पर आपका क्या कहना है. क्‍या आप जनता के बार-बार हराने के बाद कोर्ट के गलियारे से अपनी राजनीति बढ़ाएंगे? जनता के बीच लड़ाई जनता के बीच ही लड़ें. कोर्ट में गलत आरोप ना लगाएं. क्या आपको माफ़ी नहीं मांगना चाहिए.’

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘कांग्रेस अगर कोर्ट के फैसले को नहीं मानती है तो मैं क्या कह सकता हूं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम फैसला होता है. अगर राहुल गांधी और उनकी पार्टी के लोग इसे नहीं मानते हैं तो राहुल गांधी इस पर भी जवाब दें.’ जजों की नियुक्ति के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है.

 
 

इससे पहले यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कांग्रेस पर निशाना साधा. योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, ‘यह षड्यंत्र राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने रचा था. आज भारत की न्याय व्यवस्था ने सत्य को सबके सामने रखा है. राहुल गांधी के इस षडयंत्र से देश में माहौल बिगाड़ने की चेष्टा थी. देश में अस्थिरता पैदा करने की थी साजिश थी. अमित शाह को बदनाम करने की साजिश थी.’ योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, ‘राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी को जनता से माफी मांगनी चाहिए. राहुल गांधी को जमीनी स्तर से राजनीति करनी चाहिए. उन्‍होंने राजनीतिक लोकतंत्र में बेबुनियाद आरोप-प्रत्यारोप करके और न्यायपालिका को बेवजह ऐसे मामलों में लपेट कर न्यायपालिका का समय भी बर्बाद किया है. हमें कभी-कभी लगता है कि कांग्रेस पार्टी यह मानती है कि इस देश के अंदर शासन करने का अधिकार सिर्फ एक परिवार का है.’

उन्‍होंने कहा, ‘हम लोग मांग करेंगे कि राहुल गांधी को इन सब के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. इस संपूर्ण प्रकरण में कुछ अधिवक्ताओं ने अपने पेशे की मर्यादा को भी तार-तार किया है. पीआईएल लोकहित से जुड़े मुद्दों के लिए है. कुछ लोगों ने इसे राजनीति के लिए इस्तेमाल किया. यह लोकतंत्र के हित में नहीं है. इस प्रकार की प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए. मैं एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता हूं और राहुल गांधी से मांग करता हूं कि इस षड्यंत्र के लिए माफी मांगें.

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