अभी अभी: देश में कैश की किल्लत के बीच ATM से पैसा निकालने वालों के लिए आई एक और बुरी खबर

इस समय देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत है. एटीएम से कैश नहीं निकल रहा है. सरकार का कहना है कि कुछ दिनों में हालात सामान्य होंगे. इस बीच बैंक कस्टमर की परेशानी बढ़ाने वाली एक और खबर आ रही है. अगर एटीएम ऑपरेटर्स की मांग मान ली गई तो लोगों की परेशानी बढ़नी तय है. दरअसल एटीएम ऑपरेटर्स ने एटीएम ट्रांजैक्शन के लिए हायर इंटरचेंज रेट की मांग की है. अगर ऑपरेटर्स की मांग मान ली गई तो बैंक के कस्टमर्स को दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करने पर ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है.

कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) ने मांग की है कि एटीएम से ट्रांजैक्शन पर चार्ज कम से कम 3 से 5 रुपए बढ़ना चाहिए, जिससे एटीएम ऑपरेटर्स बढ़ती महंगाई में अपनी लागत निकाल सकें.

सीएटीएमआई के निदेशक के श्रीनिवास ने कहा कि हाल ही में आरबीआई ने काफी सख्त गाइडलाइंस जारी की है, जिससे एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स की कुल लागत बढ़ेगी. आरबीआई का कहना है कि बैंकों को जुलाई से कैश मैनेजमेंट संबंधी गतिविधियों के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ इस व्यवस्था में न्यूनतम मानक लागू करने चाहिए.

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वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और चुनाव की तैयारी में जुटे कर्नाटक के कई शहरों में एटीएम में नकदी नहीं है या उनके खराब होने का बोर्ड टंगा मिला. हालांकि सरकार ने अपनी ओर से दावा किया कि स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है और देश भर के 2.2 लाख एटीएम में से 80 प्रतिशत सामान्य रूप से काम करने लगे हैं.

अधिकारियों ने आसन्न चुनाव और फसलों की खरीद के भुगतान के कारण नकदी की मांग में आई अचानक अस्वाभाविक तेजी को इस संकट के लिए जिम्मेदार बताया गया है.

 
 
 
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