दिल्ली के आठ फ्लाईओवरों को लेकर PWD हुआ सतर्क, जांच में सामने आई कई खामियां

नई दिल्ली। दिल्ली के आठ फ्लाईओवरों की जांच में सामने आई कई खामियों के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) हरकत में आया है। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के 31 और फ्लाईओवरों का तकनीकी अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) से बात की है। इस अध्ययन में 2005 से पहले बने सभी फ्लाईओवर शामिल होंगे।दिल्ली के आठ फ्लाईओवरों को लेकर PWD हुआ सतर्क, जांच में सामने आई कई खामियां

पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत दिल्ली में सड़कों की लंबाई 14 सौ किलोमीटर है। दिल्ली में करीब एक सौ फ्लाईओवर हैं जिनमें पीडब्ल्यूडी के 90 रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे अंडरब्रिज व फ्लाईओवर हैं। यहां वाहनों की संख्या 1.8 करोड़ से अधिक है। ऐसे में फ्लाईओवरों पर वाहनों का भारी दबाव है। विभाग ने अलग से विंग बनाई है जो सभी फ्लाईओवरों की मजबूती व सुरक्षा पर नजर रखेगी।

विभाग ने कुछ समय पहले आठ पुराने फ्लाईओवरों का अध्ययन कराया था, जिसमें कई खामियां मिली थीं। इसके बाद पीडब्ल्यूडी अधिक सतर्क हो गया है। विभाग का मानना है कि वाहनों के गुजरने से होने वाले कंपन से फ्लाईओवरों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए तकनीकी अध्ययन कराया जा रहा है।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में जिन फ्लाईओवर का तकनीकी अध्ययन किया जाना है, उनमें दक्षिणी दिल्ली में पंचशील पार्क के सामने, वजीरपुर डिपो के सामने, मधुबन चौक, ब्रिटानिया चौक, नेहरू प्लेस, कालकाजी स्थित मां आनंदमई मार्ग, सरिता विहार, सफदरजंग, नेल्सन मंडेला, मोतीबाग आदि फ्लाईओवर शामिल हैं।

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