प्रधानमंत्री टर्नबुल अमेरिका यात्रा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से परियोजना पर करेगें वार्ता

 चीन की वन बेल्ट-वन रोड परियोजना के जवाब में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान मिलकर आधारभूत ढांचे का विकास करेंगे। आवागमन का यह ढांचा सड़क, समुद्री और वायु मार्ग से व्यापारिक गतिविधियों के लिए दुनिया को बेहतर तरीके से जोड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टर्नबुल इसी महीने होने वाली अमेरिका यात्रा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से परियोजना पर खासतौर पर वार्ता करेंगे। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से ऑस्ट्रेलिया के अर्थशास्त्री ने यह जानकारी दी है।

प्रधानमंत्री टर्नबुल के अगले हफ्ते होने वाले अमेरिकी दौरे में उनकी राष्ट्रपति ट्रंप से परियोजना पर बात तो होगी लेकिन उस पर कोई घोषणा नहीं होगी। इस परियोजना के रूट और सहयोग पर चारों देशों के बीच अभी कुछ और विचार होना बाकी है। अर्थशास्त्री के मुताबिक चारों देशों द्वारा विकसित आधारभूत ढांचा स्थापित होने के साथ ही उपयोगी साबित हो, इसके लिए गहनता से विचार किया जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप और व्यापार मंत्री स्टीवन सिओबो ने फिलहाल परियोजना पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने की इन्कार किया है। जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीहिदे सुगा ने कहा है कि परियोजना पर चारों देशों के अधिकारी नियमित रूप से आपसी हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते रहते हैं। इसे चीन की परियोजना का जवाब कहना गलत होगा, यह आवागमन का वैकल्पिक मार्ग होगा। जापान इस परियोजना को हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति के लिए आवश्यक मानता है। इसके लिए श्वेत पत्र 2017 में तैयार हो चुका है।

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चीन के लिए उसकी वन बेल्ट-वन रोड परियोजना सर्वोपरि है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग इसे एशियाई देशों के विकास के लिए आवश्यक मानते हैं। इसके तहत स्पेन और मैड्रिड को रेलमार्ग से जोड़ा जा चुका है। पड़ोसी देशों के जरिये पहुंच विकसित की जा रही है। चिनफिंग ने इस सिलसिले में 124 अरब डॉलर (आठ लाख करोड़ रुपये) के व्यय की योजना सामने रखी है।

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