प्रद्युम्न हत्याकांड पर बहस हो चुकी है पूरी, अगर छात्र बालिग घोषित हुआ तो होगा ऐसा

प्रद्युम्न हत्याकांड में आरोपी छात्र को लेकर जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) बोर्ड आज फैसला सुना सकता है। दूसरी ओर आरोपी छात्र की हिरासत की मियाद पूरी होने के बाद शुक्रवार को ही उसे बोर्ड के सामने सीबीआई प्रस्तुत करेगी।

बोर्ड के सामने सुनवाई से पहले सीबीआई मंगलवार को तैयारी में जुटी रही। आरोपी छात्र का फिंगर प्रिंट फरीदाबाद स्थित ऑर्ब्जवेशन होम से लिया गया। 15 दिसंबर को इस मामले में बोर्ड के सामने दोनों पक्षों के बीच बहस हुई थी। जिसमें आरोपी छात्र की जमानत याचिका खारिज कर दी गई था।
 

बुधवार को आरोपी छात्र की हिरासत की मियाद पूरी हो रही है। सीबीआई द्वारा बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर के हिरासत की मियाद बढ़वाई जाएगी। दूसरी ओर प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर द्वारा आरोपी छात्र को वयस्क के तौर पर डाली गई याचिका के मामले में बहस पूरी हो चुकी है। इसमें अब बोर्ड को केवल आदेश जारी करना है।
 

ऐसे में बुधवार को सुबह बोर्ड लगते साथ ही इस संबंध में आदेश आने की उम्मीद है। बता दें कि प्रद्युम्न हत्याकांड में मामले की जांच करने के बाद सीबीआई ने 7 नवंबर को स्कूल के ही 11वीं कक्षा के छात्र को हिरासत में लिया था।
 

छात्र को बोर्ड के समक्ष पेश कर उसे बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेज दिया गया था। प्रद्युम्न के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल ने बताया कि 15 दिसंबर को बहस के बाद बोर्ड ने आरोपी पर बालिग या नाबालिग की तरह मुकदमा चलाए जाने का फैसला सुरक्षित रख लिया।
 

20 दिसंबर को सुबह साढ़े 10 बजे सुनाए जाने की बात कही थी। वहीं, प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर का कहना है कि सभी कुछ बोर्ड के विवेक पर निर्भर है। बोर्ड के आदेश के बाद ही वह आगे के बारे में सोचेंगे।
 

कानूनविदों की मानें तो यदि बोर्ड द्वारा आरोपी को बालिग करार दिया तो आरोपी का मामला विशेष अदालत में जाएगा। वहां नाबालिग होने के सभी अधिकार समाप्त हो जाएंगे। उसकी जमानत में दिक्कत आएगी और आरोप साबित होने पर उसे 10 साल की सजा भी हो सकती है।
 

यदि छात्र पर नाबालिग की तरह मुकदमा चलाया जाता है तो उसे काफी राहत मिलेगी। आरोपी साबित होने पर भी जुवेनाइल एक्ट में अधिक्तम 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है। जुवेनाइल को जमानत भी आसानी से मिल सकती है।
 
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