पीएम मोदी के निमंत्रण पर 2019 में भारत आएंगे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगले वर्ष भारत में वुहान जैसी अनौपचारिक वार्ता के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. विदेश सचिव विजय गोखले ने इसकी जानकारी दी. दोनों नेताओं ने डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों की सीमा सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय और विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों में मजबूती लाने के लिए 27-28 अप्रैल को चीन के शहर वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी के साथ द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की थी जो भारत-चीन मित्रता को और शक्ति प्रदान करेगा.

हालांकि तारीख तय नहीं

गोखले ने संवाददाता सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच शनिवार की बैठक का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह रहा कि चीनी पक्ष ने बताया कि उन्होंने 2019 में भारत में एक अन्य अनौपचारिक वार्ता के लिए राष्ट्रपति शी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यौते को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि अनौपचारिक बैठक की तारीख फिलहाल तय नहीं है. मोदी शंघाई सहयोग संगठन के सालाना सम्मेलन में शामिल होने के लिए दोदिवसीय दौरे पर चीन के शानडोंग प्रांत के इस तटीय शहर आए हैं.

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नया तंत्र स्थापित करने का फैसला

भारत और चीन ने वुहान बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में गति लाने के लिए दोनों देशों के लोगों के बीच एक नया तंत्र स्थापित करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने करीब छह हफ्तों में हुई अपनी दूसरी मुलाकात के दौरान शनिवार को वार्ता की. विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन के तटीय शहर में दोनों नेताओं की बैठक होने के बाद प्रेस ब्रीफिंग में दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का फैसला किया.

दोनों देशों की बैठक इसी साल

प्रधानमंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए यहां आए हैं. पिछले साल के डोकलाम गतिरोध के बाद भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी ने अप्रैल में चीनी शहर वुहान में शी से मुलाकात की थी. गोखले ने कहा कि दोनों नेता दोनों देशों के लोगों के बीच एक नया तंत्र स्थापित करने के लिए सहमत हुए हैं. इस तंत्र की पहली बैठक इसी साल होगी. दोनों देशों के विदेश मंत्री अपने-अपने देश का इसमें नेतृत्व करेंगे.

चीन में 35 हजार भारतीय

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें भारतीय फिल्में शामिल हैं. शी ने चीन में भारतीय फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता का जिक्र करते हुए यह कहा. विदेश सचिव ने कहा कि शी ने न सिर्फ ‘ दंगल ’, बल्कि ‘ बाहुबली ’ और ‘ हिंदी मेडियम ’ का भी उन फिल्मों के रूप में जिक्र किया जो चीनी सिनेमाघरों में दिखाई गई और वाहवाही बटोरी. चीन में इस वक्त भारतीय समुदाय के लगभग 35,000 लोग रहते हैं.

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