महावारी के दौरान महिलाओं को चिड़चिड़ापन,शरीर में दर्द और पाचन से जुड़ी कई समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।हालांकि ये सारी दिक्कतें पीरियड्स खत्म होने के साथ ठीक हो जाती हैं।इस दौरान लड़कियों को लगता है कि शरीर से निकलने वाले खून का रंग लाल ही होता है पर अगर आप गौर करेंगे तो आप पाएंगे इस दौरान खून का रंग गाढ़ा भूरा भी हो सकता है और हल्का गुलाबी भी।आइए जानते हैं किस रंग के खून का मतलब आखिर क्या होता है।
पीरियड्स का खून लाल रंग का हो तो
पीरियड्स के दौरान साधारण लाल रंग का खून बताता है कि आप बिल्कुल स्वस्थ है।दरअसल, यह खून नया होता है।जो शरीर से बनते ही तुरंत निकल जाता है।इस तरह के खून का रंग हल्के लाल रंग का होता है।इस तरह का खून हैवी ब्लीडिंग के साथ शरीर से बाहर निकलता है।
गहरे भूरे रंग का खून
इस तरह के रंग वाला खून बताता है कि यह खून लंबे समय से गर्भाशय में जमा रहा होगा। इस तरह के खून का रंग बताता है कि व्यक्ति को कोई इंफेक्शन हो सकता है।इस रंग का खून आने के बाद लड़कियों को तेज पेट दर्द की भी शिकायत हो सकती है।ऐसे में अपने डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं।
पीरियड्स के दौरान गहरे लाल रंग के थक्के आना
अगर इस दौरान खून का रंग गहरा लाल है तो यह शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन की वजह हो सकता है। इसके अलावा यह ओवेरियन सिस्ट का भी संकेत देता है।
अगर आपका ब्लड काला या गहरा है तो
काले रंग का ब्लड खतरे का संकेत है।हो सकता है कि आपके गर्भाशय में संक्रमण हो या फिर ये गर्भपात का भी सूचक हो सकता है।अगर आपको पीरियड्स के सभी दिनों में काले रंग का ब्लड फ्लो हो रहा हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।