इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से ज्यादातर पंजाब के, मुआवजा के लिए पंजाब सरकार ने केंद्र को लिखा खत

इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से ज्यादातर पंजाब के रहने वाले थे. मारे गए युवकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए पंजाब सरकार ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इराक में मारे गए पंजाबी युवकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चिट्ठी लिखी है कि केंद्र सरकार इन गरीब लड़कों के परिवारों की मदद करें और पंजाब सरकार तो पहले ही इन परिवारों को ₹20000 महीना बतौर पेंशन दे रही है.

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वहीं पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि इस बात पर राजनीति ना हो कि लड़के पंजाब के हैं या किसी और राज्य के, बल्कि मरने वाले सारे लड़के हिंदुस्तानी थे और पंजाब सरकार से जो बन सकेगा वो मदद की जाएगी. केंद्र सरकार को भी गरीब युवकों के परिवारों की मदद करनी चाहिए. अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने भी कहा कि केंद्र सरकार को मोसुल में मारे गए पंजाबी युवकों की मदद करनी चाहिए.

प्रशासन लापरवाह

वहीं इराक में मारे गए युवकों के परिवारों को मंगलवार को जब पता चला की उनके परिवारिक सदस्य इस दुनिया में नहीं रहे तो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ गिर गया. वहीं प्रशासन की लापरवाही की वजह से इन दुखी परिवारों की परेशानी और बढ़ रही है. इराक में मरने वाले युवकों में शामिल बलाचौर के परमिंदर कुमार के परिजन कश्मीर सिंह ने बताया कि मंगलवार रात को डीसी और एसएसपी के द्वारा उनको सूचित किया गया था कि परमिंदर का शव बुधवार सुबह अमृतसर के गुरु राम दास एयरपोर्ट पर पहुंच जाएगा. सुबह परिवार वाले एम्बुलेंस लेकर यहां पहुंचे तो यहां न तो परमिंदर का शव भेजा गया और न ही कोई प्रशाशनिक अधिकारी यहां पर पहुंचा था.

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