नए साल के दिन इस दिशा में विराजमान करें गणेश जी की मूर्ति

इस बार नववर्ष की शुरुआत बुधवार के दिन से हो रही है तो ऐसे में देवी-देवताओं के संग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना जीवन के लिए बेहद फलदायी साबित होता है। इस दिन आप घर में गणपति बप्पा (Vastu tips for Ganesha idol) की मूर्ति भी ला सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि गणेश जी की मूर्ति लगाने की दिशा के बारे में।

सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक काम में सबसे पहले महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। क्योंकि उपासना करने से काम सफल होते हैं। वहीं, वर्ष 2025 (New Year 2025 Upay) की शुरुआत बुधवार के दिन से हो रही है, तो ऐसे में गणपति बप्पा की मूर्ति घर लाकर और उनकी विधिपूर्वक पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को जीवन के सभी तरह के विघ्न से छुटकारा मिलेगा। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा का घर में प्रवेश नहीं होगा। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं।

घर में देवी-देवताओं की मूर्ति (ganesh bhagwan ji ki murti direction) को विरजमान करने के लिए दिशा का विशेष ध्यान रखना अधिक आवश्यक होता है। ऐसे में आप गणपति बप्पा की मूर्ति को विराजमान करने के लिए वास्तु शास्त्र में बताए गए दिशा के नियम का पालन करें। माना जाता है कि घर की शुभ दिशा में गणपति बप्पा की मूर्ति को रखने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही धन से सदैव तिजोरी भरी रहती है।

इस दिशा में रखें गणेश जी की मूर्ति
अगर आप नए साल के दिन घर में भगवान गणेश की मूर्ति को विराजमान करना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की प्रतिमा को उत्तर-पूर्व दिशा में विराजमान करें। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को प्रभु की कृपा प्राप्त होगी।

किस दिशा में न रखें मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में भगवान गणेश की मूर्ति को दक्षिण दिशा में नहीं रखनी चाहिए। इससे जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।

नए साल पर घर लाएं गणेश जी की ऐसी मूर्ति
अगर आप नए साल के दिन घर गणेश जी की मूर्ति ला रहे हैं, तो प्रतिमा लेने से पहले इस बात के बारे में जरूर जान लें कि किस तरह की मूर्ति को घर लाना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ललितासन में बैठे हुए भगवान गणेश की प्रतिमा बेहद शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि यह मुद्रा शांत और शांति का प्रतिनिधित्व करती है।

भूलकर भी न करें ऐसी गलती
जिस जगह पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान कर रहे हैं, तो उसके आसपास गंदगी न रखें, क्योंकि गंदगी वाली जगह पर देवी-देवताओं का वास नहीं होता है।
इसके अलावा एक बात का खास ध्यान रखें कि मंदिर के पास कूड़ेदान और शौचालय नहीं होना चाहिए।

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