गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को लगाएं इन चीजों का भोग
हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से जातक को सभी विघ्न से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। अगर आप गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024) के दिन भगवान गणेश को प्रिय चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि भोग अर्पित करने से जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि गणेश जी (Lord Ganesha Ke Bhog) को किन चीजों का भोग लगाना कल्याणकारी साबित होता है।
पूजा का पूर्ण फल होगा प्राप्त
अगर आप अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, तो गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। मान्यता है कि मोदक का भोग लगाने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और पूजा सफल होती है।
पति-पत्नी के रिश्ते होंगे मजबूत
वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा के दौरान उन्हें मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। इससे वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।
मनचाहा मिलेगा करियर
इसके अलावा गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा थाली में श्रीखंड, छप्पन भोग, शुद्ध घी और गुड़ समेत आदि चीजे शामिल करें। मान्यता है कि इन चीजों का भोग लगाने से जातक को मनचाहा करियर प्राप्त होता है। इसके अलावा जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2024 मुहूर्त (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवंबर, शाम 06 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 19 नवंबर दोपहर को शाम 05 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में चन्द्रोदय शाम 07 बजकर 34 मिनट पर होगा।