प्रदोष व्रत के दिन इन गलतियों से महादेव हो सकते हैं नाराज

सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का अधिक महत्व है। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की उपासना संध्याकाल में करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों के द्वारा भगवन शिव का अभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत को विधिपूर्वक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन कुछ गलतियों को करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में चलिए हम आपको इस लेख में बताएंगे कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Ke Niyam) के दिन क्या करें और क्या न करें?

प्रदोष व्रत के दिन क्या करें

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें।

सात्विक भोजन का सेवन करें।

भगवान शिव का विशेष चीजों से अभिषेक करें।

व्रत के नियम का पालन करें।

मंदिर या गरीब लोगों में श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।

घर और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंगाजल का छिड़काव कर घर को शुद्ध करें।

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को स्थापित करें।

शिव जी की पूजा में बेलपत्र, चंदन, धतूरा, भांग और गाय का कच्चा दूध शामिल करें।

विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करें। साथ ही शिव चालीसा और मंत्रों का जप करें।

प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें

प्रदोष व्रत के दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें। साथ ही किसी के बारे में गलत न सोचें।

भगवान शिव की पूजा थाली में केतकी के फूल और हल्दी को शामिल न करें।

शिवलिंग पर टूटे हुए चावल अर्पित न करें।

इसके अलावा प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहें।

महिलाओं का अपमान करें। पक्षी-पक्षी को परेशान न करें।

महादेव की इस मुहूर्त में करें पूजा

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। इसके अगले दिन यानी 29 नवंबर को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 28 नवंबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक है।

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