OMG…तो ऐसे होती है EVM हैकिंग, सच्चाई खुलने से पूरी दुनिया में मचा हडकंप

लोकसभा चुनाव को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर एक बार फिर राजनीतिक घमासान तेज होता नजर आ रहा है। प्रमुख विपक्षी दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए मांग की है कि, चुनाव मत पत्रों से ही कराया जाना चाहिए। इस बीच एक बड़ी खबर ये भी है.

स्व-घोषित भारतीय साइबर विशेषज्ञ, जिसने सोमवार को आरोप लगाया था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी, वह इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) का कर्मचारी नहीं था। चुनाव आयोग के लिए EVM बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ECIL ने मंगलवार को ये कहा। अमेरिका से स्काइप के माध्यम से लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 21 जनवरी को सैयद शुजा के रूप में पहचाने गए व्यक्ति ने दावा किया कि 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से धांधली की गई थी।

EVM को ECIL द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। भारत के चुनाव आयोग ने पहले ही उसके आरोपों को खारिज कर दिया है और दिल्ली पुलिस से शुजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। शुजा ने दावा किया था कि वह ईसीआईएल में एक टीम का हिस्सा था जो 2009 से 2014 के बीच ईवीएम के डिजाइन और विकास में शामिल थी।

सुदीप जैन को लिखे पत्र में बताया,

ईसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल संजय चौबे (सेवानिवृत्त) ने चुनाव आयोग को शुजा के ईसीआईएल के लिए काम करने का खंडन करते हुए उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन को लिखे पत्र में बताया, ‘कंपनी के पुराने रिकॉर्ड की जांच में पाया गया है कि ना तो 2009 से 2014 के दौरान शुजा कंपनी का नियमित कर्मचारी था ना ही ईवीएम के डिजायन एवं डेवलपमेंट के मामले में किसी भी भूमिका में जुड़ा था।’

लंदन में ईवीएम हैकिंग से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने वाले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘ये मुद्दा एक राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है। ये लोकतंत्र के बारे में है। लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब चुनाव निष्पक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थित हैकर सैयद सुजा द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों की जांच होनी चाहिए। शुजा के दावों को दोहराते हुए कहा कि 2014 के चुनावों के बाद उनकी टीम के 11 सदस्य जो ईवीएम पर काम कर रहे थे की हत्या कर दी गई थी।’

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