नीरव मोदी ने चली नई चाल, US में कंपनी ने दी दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी

भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की इंटरनेशनल ज्वैलरी बिजनेस करने वाली कंपनी ने अमेरिका में खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया है। अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, फायरस्टार डायमंड इंक ने न्यूयॉर्क के सदर्न दिवालियापन अदालत में चैप्टर 11 याचिका दायर की है। 

 

नीरव मोदी ने चली नई चाल, US में कंपनी ने दी दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी इस मामले को जज सीन एच. लेन को दिया गया है और इस मामले में राहत के आदेश की मांग की गई है। फायरस्टार डायमंड ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, सुदूर पूर्व और भारत तक फैले उसके बिजनेस को तरलता और आपूर्ति संबंधी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अदालत के दस्तावेज में कंपनी की संपत्ति करीब 650 करोड़ रुपये बताई गई है। इस बारे जानकारी के लिए कंपनी के वकील के. विंटर्स को किए गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला।

29 साल पहले हुई थी कंपनी की स्थापना
कंपनी के वेबसाइट पर बताया गया है कि 1999 में कंपनी की स्थापना की गई थी. कंपनी ने अपने व्यवसाय की शुरुआत हीरे की खुदरा आपूर्ति करने के रूप में की थी। साल 2001 में कंपनी ज्वैलरी निर्माण के क्षेत्र में भी अपने काम का विस्तार किया। कंपनी ने प्राइवेट लेबल के लिए फ्रेडरिक गोल्डमैन डायमंड ज्वैलरी का अधिग्रहण करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय खुदरा बाजार में प्रवेश किया था। 

इन बैंकों ने दिया लोन
जिन बैंकों ने नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड को लोन दिया उसमें पीएनबी के अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (194 करोड़), देना बैंक (153.25 करोड़), विजया बैंक (150.15 करोड़), बैंक ऑफ इंडिया (127 करोड़), सिंडिकेट बैंक (125 करोड़), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (120 करोड़), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (110 करोड़) व इलाहाबाद बैंक, आईडीबीआई बैंक 100 करोड़ प्रत्येक शामिल है। 

17 बैंकों पर पड़ा असर
 इस महाघोटाले से देश की सभी बैंकों को कुल मिला कर 176 अरब रुपये से ज्यादा की चपत लगने की आशंका है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि उसने महाघोटाले के खुलासे के बाद से अब तक नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के 105 से अधिक बैंक खाते और 29 प्रॉपर्टी को सील कर दिया है। 

जून 2015 तक दिया 1980 करोड़ का लोन
इन बैंकों ने एक कंशोर्शियम और व्यक्तिगत तौर पर नीरव की कंपनी फायरस्टार इंटरनेशनल को जून 2015 तक करीब 1980 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इसके अलावा बैंकों ने 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन दिया था। इसमें से केवल 90 करोड़ रुपये कंपनी ने बैंक को चुका दिया है।

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