बिहार में NDA सरकार ने पूर्ण किये अपने एक साल, किये ये बड़े काम

पटना। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार का एक वर्ष पूरा हो चुका है। इस एक साल की उपलब्धियों और नीतियों पर गौर करें तो समेकित रूप से यह बात सामने आती है कि इस अवधि में किसान और युवा योजनाओं के केंद्र में रहे। विशेष बात यह कि पिछले एक साल के अंदर सरकार के एजेंडे में सामाजिक सुधार से जुड़ी गतिविधियां सुर्खियां बटोरतीं रही। खासकर शराबबंदी और बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान ने नयी फिजां बनाई। बिहार में NDA सरकार ने पूर्ण किये अपने एक साल, किये ये बड़े काम

बातें किसानों की वाया नई नीति

बिहार में आज भी 75 प्रतिशत से अधिक आबादी अपनी जीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। स्वाभाविक है किसान से जुड़ी बातें केंद्र में रहेंगी। नवंबर 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार के नए कृषि रोड मैप को जारी किया। इस क्रम में सबसे महत्वपूर्ण बात आर्गेनिक फार्मिंग सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने की रही। मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए पटना, नालंदा, वैशाली और समस्तीपुर में ऑर्गेनिक सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए इनपुट सब्सिडी की योजना आरंभ की। इस योजना के तहत 30 डिसिमल में सब्जी की खेती पर 6000 रुपए अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सरकार इस योजना को विस्तारित करने जा रही है।

मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनका यह दृढ़ मत है कि कृषकों को इनपुट अनुदान के माध्यम से सहायता दी जानी चाहिए। ऐसा करने से कुल कृषि उत्पादन लागत में कमी आएगी और कृषकों की वास्तविक आय अधिक हो सकेगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को नमस्कार कर राज्य सरकार ने अपनी ओर से पहल करते हुए बिहार राज्य फसल सहायता योजना शुरू की। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस योजना के तहत जो राशि उपलब्ध कराई जाएगी वह सीधे किसानों के खाते में जाएगी। इसी तरह पिछले हफ्ते सरकार ने सुखाड़ के आसार को केंद्र में रख डीजल सब्सिडी चालीस रुपए से बढ़ाकर सीधे पचास रुपए कर दी। किसानों के लिए इन सहूलियतों की खूब चर्चा रही।

युवाओं के लिए बैंकों को आईना दिखाया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पहल पर सात निश्चय के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना वैसे तो विधानसभा चुनाव के समय ही लोगों के बीच रखी थी लेकिन सही मायने में इसका लाभ अब मिलना आरंभ हुआ है। इस योजना को लेकर बैैंकों की बेरुखी ने इस योजना को किनारे लगा दिया था। पिछले एक वर्ष के दौरान इस योजना को लेकर उपलब्धि यह रही कि सरकार ने शिक्षा विभाग के अधीन एक निगम का गठन कर इसकी जिम्मेवारी उसे सौंप दी। अब बैंकों से अलग इस निगम के माध्यम से सरकार विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है।

मुख्यमंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि अगर युवा इस ऋण को चुकाने की स्थिति में नहीं होंगे तो वे उसे माफ भी कर सकते हैं। इसी तरह प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे यूपीएससी और बीपीएससी में पीटी और मुख्य परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए वजीफे के रूप में एक लाख रुपए तक की राशि का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना भी चर्चा में

लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई व अन्य सुविधाओं के लिए आरंभ मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना विगत एक वर्ष के दौरान चर्चा में रही। इस योजना पर 2223 करोड़ रुपए खर्च होने हैैं।

सामाजिक सुधारों पर अधिक जोर

पिछले एक वर्ष की अवधि में सरकार की गतिविधियों को देखें तो सामाजिक सुधार को ले अभियान पर अधिक जोर रहा। बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलने वाले अभियान ने एक नयी फिजां बनाई।  इक्कीस अक्टूबर को पूर्ण शराबबंदी के खिलाफ रिकार्ड मानव श्रृंखला बनी। हाल ही में शराबबंदी कानून के संशोधन को सरकार ने मंजूरी प्रदान की।

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