मेरा इस्तीफा रद कर जबरदस्ती छुट्टी पर भेजा: कांग्रेस प्रत्याशी पर केस दर्ज करने वाला SHO
जालंधर। शाहकोट उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया पर अवैध खनन का मामला दर्ज करने वाले एसएचओ परमिंदर सिंह पहली बार मीडिया के सामने आए। परमिंदर सिंह ने एसएसपी जालंधर देहाती गुरप्रीत सिंह के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि एसएचओ ने इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि छुट्टी ली है।
परमिंदर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया के खिलाफ अवैध माइनिंग का मामला बिल्कुल सही है। मामला दर्ज करने का ही नतीजा था कि पुलिस व सरकारी तंत्र ने मुझ पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। मेरा इस्तीफा रद कर जबरदस्ती एप्लीकेशन लिखवा ली और पांच दिन की छुट्टी पर भेज दिया।’
परमिंदर ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद उनके निजी जीवन में हस्तक्षेप किया गया और होटल रेडीसन के सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फुटेज सार्वजनिक की गई। परमिंदर ने कहा, ‘सीएम ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेस कर मेरी महिला मित्र के बारे में गलत कहा। क्या वे खुद महिला मित्र के साथ नहीं घूमते। उनकी तो कई वीडियो सामने आ चुकी हैं।’
एसएचओ ने कहा, ‘शेरोवालिया शराब ठेकेदारों, तहसीलदारों, पुलिस वालों से महीना मांगते हैं। जब मुझसे भी मांगा गया, तो मैंने देने से इन्कार कर दिया। मैंने एसएसपी को कहा था कि मैं शेरोवालिया के दबाव में नहीं आ सकता। मेरी बदली कर दी जाए। चीफ इलेक्शन कमिश्नर के कहने पर मुझे मेहतपुर थाने में तैनात किया गया था।’
परमिंइर ने बताया कि ज्वाइनिंग की रात करीब 11 बजे उसके पास अवैध खनन की शिकायत आ गई थी। इसके बाद आला अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने माइनिंग अफसर से बात करने को कहा। इसके बाद वे रेडीसन में आकर ठहरे और सुबह साढ़े चार बजे तक भी कोई आदेश न होने पर मुंशी को शेरोवालिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा। शेरोवालिया की वीडियो वायरल हो गई थी, इसलिए जांच की जरूरत नहीं थी।
एफआइआर में लिखा गया था कि यदि आरोप सही पाए गए तो ही चालान पेश होगा वरना मामला रद किया जा सकता है। कांग्रेस ने बिना वजह मामले को तूल दिया और अब कैप्टन भी शेरोवालिया को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि शेरोवालिया ने दस करोड़ में टिकट खरीदी है। उन्होंने कहा, ‘डीएसपी शाहकोट दिलबाग सिंह भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। कांग्रेस व अकाली दल के कई नेता हमारा इस्तेमाल करते हैं और खुद भ्रष्टाचार में शामिल हैं।’
जान का खतरा
एचएचओ ने खुद को जान का खतरा बताया। उन्होंने कहा, ‘मेरे गनमैन व सरकारी हथियार वापस ले लिए गए हैं। इसकी शिकायत थाना बारादरी के प्रभारी से भी की थी कि एक पत्रकार धमकियां दे रहा है, लेकिन बात नहीं सुनी गई। सारे आला अधिकारियों को मैंने गैंगस्टरों के बारे में कई बार जानकारी दी, लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब एक माइनिंग मामले में कार्रवाई की तो अपना विभाग ही खिलाफ हो गया।’