बहु ने ससुर पर लगाया दुष्कर्म का आरोप, तो स्पीड पोस्ट से दिया तलाक

नूंह/मेवात। पिछले कई महानों से देशभर में ट्रिपल तलाक का मुद्दा गरमाया हुआ है। संसद में तीन तलाक पर रोक लगाने संबंधी बिल पास होने के बाद भी इसका दंश झेलने के लिए मुस्लिम महिलाएं अभिशप्त हैं। ताजा मामला दिल्ली से बेहद करीब हरियाणा के फिरोजपुर झिरका का है। यहां पर एक मुस्लिम महिला ने अपने ससुर के खिलाफ दुष्कर्म की आवाज उठाई तो नाराज पति ने स्पीड पोस्ट के जरिये तीन तलाक दे दिया। बहु ने ससुर पर लगाया दुष्कर्म का आरोप, तो स्पीड पोस्ट से दिया तलाक

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के गांव दोहा में एक महिला का कहना है कि उसके ससुर ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। इस बाबत जब उसने पति व ससुराल वालों से कहा तो उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार उसने कानून का सहारा लेने का निर्णय लिया और महिला ने अपने ससुर के खिलाफ बीते माह पुलिस को शिकायत दी। 

वहीं, महिला की इस हरकत से पति इस कदर नाराज हुआ कि उसने पत्नी से बात करने के बजाय सीधा स्पीड पोस्ट से तलाक दे दिया। जब पति का तलाकनामा स्पीड पोस्ट से पत्नी के पास पहुंचा तो वह हैरान रह गई। तीन बार उसका तलाक बोलना महिला के ऊपर किसी पहाड़ टूटने जैसा होता है। और उस पर भी न कोई गुजारा भत्ता और न ही कोई दूसरा सहारा। दरअसल, पति को तलाक बोलने में पलभर भी नहीं लगता, लेकिन इसके बाद उस महिला पर क्या गुजरती है, वो दर्द वही जानती है।

क्या है तीन तलाक

इस्लाम में भी तीन तलाक को बुरा माना जाता है। दरअसल, पति-पत्नी में अगर किसी तरह भी निबाह नहीं हो पा रहा है, तो अपनी ज़िंदगी जहन्नुम बनाने से बेहतर है कि वो अलग होकर अपनी ज़िन्दगी का सफ़र अपनी मर्ज़ी से पूरा करें जो कि इंसान होने के नाते उनका हक है। वहीं, खासकर मुस्लिम पुरुष इसका नाजायज फायदा उठाते हैं। 

तीन तलाक मुस्लिम समाज में तलाक का ऐसा जरिया है, जिससे कोई भी मुस्लिम शख्स अपनी बीवी को सिर्फ तीन बार तलाक कहकर अपनी शादी को तोड़ सकता है। इस्लाम में तलाक की एक प्रकिया बताई गई है और इस प्रकिया से होने वाले तलाक स्थिर होते हैं, जिसके बाद शादी का रिश्ता टूट जाता है। तीन तलाक को तलाक-उल-बिद्दत भी कहते हैं। 

यहां पर बता दें कि भारत के साथ दुनिया के ऐसे 22 देश हैं, जहां तीन तलाक पूरी तरह से बैन है। सबसे पहले मिस्त्र में तीन तलाक को बैन किया गया था। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी तीन तलाक 1956 से ही बैन है। इसी फेहरिस्त में सूडान, साइप्रस, जार्डन, अल्जीरिया, ईरान, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर और यूएई में भी तीन तलाक बैन है।

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