#MeToo : राहुल जौहरी ने जांच पैनल के सामने दर्ज कराया अपना बयान

यौन उत्पीड़न के आरोप झेल रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) सीईओ राहुल जौहरी ने मंगलवार (13 नवंबर) को तीन सदस्यीय जांच पैनल के सामने गवाही दी. इस पैनल की नियुक्ति प्रशासकों की समिति (सीओए) ने की है. यह भी पता चला है कि दो कथित पीड़ितों ने भी पैनल के सामने गवाही दी, हालांकि उनकी उपस्थिति की तारीखों की पुष्टि नहीं हो सकी. 

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ”हां, राहुल स्वयं जांच पैनल के समक्ष पेश हुए. दोनों कथित पीड़ित पहले ही गवाही दे चुकी थी. इसके अलावा सीओए सदस्य और एक प्रमुख पदाधिकारी (कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी) ने भी अपना बयान दर्ज करा दिया था और अब केवल सीईओ ही बाकी बचे थे.”

अधिकारी ने कहा, ”एक कथित पीड़ित ने स्काईपी के जरिये पैनल के सामने अपनी बात रखी. अन्य नयी शिकायतकर्ता है. हालांकि यह पुष्टि नहीं हो पायी कि वह स्वयं पैनल के सामने उपस्थित हुई थी या उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये इसमें हिस्सा लिया था.”

अभी यह पता नहीं चला है कि जांच पैनल अभी और समय मांगेगा या नहीं. इस पैनल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख बरखा सिंह और वकील वीना गौड़ा शामिल हैं. पैनल को 15 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सीओए को सौंपनी है. 

राहुल जौहरी के खिलाफ आरोप तब सामने आए जब लेखिका हरनिध कौर ने एक अज्ञात से जुड़ी घटना साझा की थी. अज्ञात ने दावा किया था कि जब राहुल जौहरी डिस्कवरी चैनल में थे तब वह उनके साथ काम करती थी. 

बता दें कि इससे पहले  सीओए अध्यक्ष विनोद राय सहित भारतीय क्रिकेट के शीर्ष पदाधिकारियों ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की जांच कर रहे पैनल के सामने सोमवार (12 नवंबर) को गवाही दी. प्रशासकों की समिति के प्रमुख राय के अलावा सीओए सदस्य डायना एडुल्जी, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी और आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने तीन सदस्यीय पैनल के सामने गवाही दी. 

ये सभी पैनल के समक्ष अलग-अलग पेश हुए. पैनल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख बरखा सिंह और वकील वीना गौड़ा शामिल हैं. वहीं, बोर्ड की सात राज्य इकाइयों ने राहुल जौहरी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच लंबित रहने तक उन्हें निलंबित करने की मांग की है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इस मामले में बोर्ड को ई-मेल भेजा था. उन्होंने लिखा था कि इस मामले को जिस तरीके से निपटा गया, वह चिंताजनक है. सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (कैब) के अध्यक्ष भी हैं.

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