मसानजोर डैम को लेकर ममता और झारखंड सरकार में शुरू हुई जुबानी जंग, मिली ये बड़ी धमकी

झारखंड के मसानजोर डैम के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकार में ठन गई है. झारखंड की कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को दुमका जिले के मसानजोर डैम से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा है कि डैम पर बुरी नजर वालों की आंख निकाल ली जाएगी.मसानजोर डैम को लेकर ममता और झारखंड सरकार में शुरू हुई जुबानी जंग, मिली ये बड़ी धमकी

झारखंड और बंगाल के बॉर्डर पर दुमका जिले के मयूराक्षी नदी पर बने मसानजोर डैम को लेकर इनदिनों बवाल मचा हुआ है. दुमका से विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री लुईस मरांडी का कहना है कि जब डैम बना था तो झारखंड के 144 गांवों के लोग विस्थापित हुए थे. इसलिए बंगाल सरकार को अपना बोर्ड और होर्डिंग लगाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा डैम से दुमका जिले के हर व्यक्ति की भावना जुड़ी हुई है जो की बोहद संवेदनशील मामला है.

प्रधानमंत्री को भी भेजा पत्र

लुईस मरांडी ने दुमका में एक पत्रकार वार्ता कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उन्होंने यह मुद्दा उठाया था. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी, जिसके जबाब में प्रधानमंत्री कार्यालय झारखंड सरकार के सिंचाई विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि 144 गांवो के विस्थापितों को चिंहित कर उनकी स्थिति का पता लगाया जाए कि उन्हें को उनका वाजिब हक मिला या नहीं.

डैम झारखंड में लेकिन लाभ बंगाल को

बता दें कि 1951 में बने मसानजोर डैम झारखंड में है. लेकिन इससे पश्चिम बंगाल के लोग लाभांवित हो रहे हैं. इन दिनों बंगाल सरकार यहां रंगरोगन करवा रही है और वह भी अपने रंग यानी नीले रंग से और इसी बात को लेकर स्थानीय लोगों को भी आपत्ति है. बीते दिनों पश्चिम बंगाल की पुलिस ने मसानजोर पहुंचकर दुमका यूथ हॉस्टल के गेट पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चस्पा किए गए झारखंड सरकार के प्रतीक चिंह को उखाड़कर फेंक दिया था. उस घटना के बाद से प्रदेश बीजेपी भी यहां सक्रिय है.

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