LockDown का असर दिहाड़ी मजदूरों बोले कोरोना से पहले भूख से मर जाएंगे

पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है जिससे सरकार ने पुरे भारत में लॉक डाउन लगा दिया है। मिडिल क्लास या हायर क्लास में अपने रोजमर्रा का सामान खरीद कर घरों में रख दिया है लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत पूरे देश के दिहाड़ी मजदूरों, गरीबों और भिखारियों को हो रही है।
पूरे देश के दिहाड़ी मजदूरों इस बात की चिंता सता रही हैं कि अगले 20- 25 दिन जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती उन्हें रोटी कैसे मिलेगी वह खुद क्या खाएंगे और परिवार को क्या खिलाएंगे ?। वहीं दिल्ली में लॉकडाउन के बीच काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर का दर्द छलका है। उन्होंने कहा, “हम लोग गरीब हैं, चार-पांच बच्चे हैं।

#WATCH Rajwati, a daily wage labourer, at Delhi’s Fatehpur Beri: We are surviving without food & water here. We request the government to help us. It is better to die of this disease (#COVID19) rather than dying of hunger. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/qa19hI7wVC
— ANI (@ANI) March 26, 2020

हमें न तो मजदूरी मिल रही है न खाना मिल रहा है न पानी। हमारी मदद कीजिए। गाड़ी भिजवा दें तो घर चले जाएंगे। एक मजदूर ने कहा कि हम लोग कोरोना वायरस की बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे।”
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था और गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है।वित्त मंत्री ने कहा कि 24-25 की रात को देश में लॉकडाउन शुरू किया गया है। सरकार इससे प्रभावितों और गरीबों की मदद के लिए काम कर रही है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत किसी गरीब को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। अभी गरीबों को 5 किलो गेहूं या चावल हर महीने प्रति व्यक्ति मिलता है इसके अतिरिक्त अगले तीन महीने तक 5 किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त गेहूं या चावल दिया जाएगा। एक किलो प्रति परिवार दाल भी दिया जाएगा।
लॉकडाउन की वजह ट्रेन और बस सेवा बंद है। अपने घर पैदल जाते हुए एक मजदूर ने कहा कि 250-300 किलोमीटर दूर मेरा गांव है, वहां जा रहा हूं। मजदूर ने कहा कि अगर साधन मिला तो उससे जाएंगे, नहीं तो पैदल ही चले जाएंगे।

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