केजरीवाल के मंत्री और अफसर में टकराव, और वर्षा जोशी ने किया ये ट्वीट…

नई दिल्ली। पिछले 17 जुलाई से परिवहन विभाग का पारा ऊपर है। मंत्री और सत्तारूढ़ दल के नेता सचिव के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। रविवार को पहली बार विभाग की सचिव वर्षा जोशी ने अपनी बात रखी। उन्होंने एक के बाद एक 63 ट्वीट कर अपनी सफाई दी। उन्होंने दावा किया कि उनका विभाग मुख्यमंत्री के निर्देश के तहत ही काम कर रहा है। इसके बावजूद उन्हें परेशान किया जा रहा है। हां इतना जरूर है कि नियमों के खिलाफ जाकर मैं कोई काम नहीं करना चाहती।केजरीवाल के मंत्री और अफसर में टकराव, और वर्षा जोशी ने किया ये ट्वीट...

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर अधिकारियों को मेमो देते हुए दलालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई गई। इसके अलावा वह समय-समय पर सभी एमएलओ (मोटर लाइसेंसिंग ऑफिसर) कार्यालयों का दौरा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सीएम के वीडियो में एक व्यक्ति जो भ्रष्टाचार के नाम पर आवाज उठा रहा है, वास्तव में वह बड़ा दलाल माना जाता है। उनके चर्चे हैं। उसके खिलाफ 2016 में एफआइआर भी दर्ज कराई गई है।

उन्होंने कहा कि किसी भी आरोप की जांच सत्यता के आधार पर की जानी चाहिए। किसी वीडियो मात्र से अंतिम फैसला नहीं लिया जा सकता। जांच कागजों के आधार पर ही होगी। विभाग से जुड़े विभिन्न कामों को ईमानदारी से कर रही हूं। स्पीड गवर्नर लगाने, ऑटो में जीपीएस लगाने, कोर्ट के आदेश पर दस हजार ऑटो परमिट जारी करने सहित अन्य दिशा में काम किया जा रहा है।

वहीं, आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि परिवहन सचिव वर्षा जोशी पर बुराड़ी अथॉरिटी में चल रहे भ्रष्टाचार को बचा रही हैं। पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने वर्षा जोशी मामले में कहा कि जिस भी व्यक्ति के पास ऑटो, कैब, टेम्पो, बस जैसे वाणिज्यिक वाहन हैं, उन्हें अच्छी तरह से पता है कि बुराड़ी अथॉरिटी में कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है।

प्रत्येक वाहन मालिक को हर साल एक फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है और यह कार्य एजेंटों और दलालों के बिना नहीं हो सकता है। यहां दलाल घूमते रहते हैं। उन्हें भुगतान करने के बाद आसानी से काम हो जाता है। यह बिना परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिए कैसे हो सकता है।

उद्घाटन के लिए समय नहीं

परिवहन सचिव ने ट्वीट कर कहा कि नजफगढ़ के झुलझुली गांव में स्वचालित फिटनेस परीक्षण केंद्र बनकर तैयार है। इसके औपचारिक उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित मंत्री को अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि हम फिटनेस के लिए स्कूल बसों और अन्य वाहनों को वहां भेज रहे हैं, लेकिन फीस में अंतर है। इसलिए हम सभी वाहन को भेजने में सक्षम नहीं हैं। फीस को बराबर करने के लिए पिछले साल एक प्रस्ताव भेजा गया था जो स्वीकृति के बिना वापस कर दिया गया। इसे फिर से जमा करेंगे। 

यह है पूरा विवाद

यहां पर बता दें कि दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर परिवहन विभाग से संबंधित पूछे गए सवालों के जवाब को अंतिम रूप देने के दौरान शुक्रवार शाम सचिवालय में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन सचिव (आयुक्त) वर्षा जोशी में नोकझोंक हो गई थी। आरोप है कि मंत्री अपने हिसाब से जवाब तैयार कराना चाहते थे, जिससे सचिव ने इनकार कर दिया था।

भ्रष्टाचार की बात लिखी जानी चाहिए

गत दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने परिवहन विभाग की बुराड़ी अथॉरिटी का दौरा किया था। जिसे लेकर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सवाल लगाया था कि मुख्यमंत्री के निरीक्षण में क्या कोई अनियमितता पाई गई? इस सवाल के जवाब में परिवहन सचिव ने लिखा – नहीं। इस पर मंत्री ने कहा कि वहां दलालों के घूमने, बिना पैसे काम नहीं करने व भ्रष्टाचार की बात लिखी जानी चाहिए।

नौकरी करना सिखा दूंगा

बैठक में मौजूद अफसरों के अनुसार 1995 बैच की आइएएस वर्षा जोशी ने मंत्री से कहा था कि बुराड़ी में जब सीएम आए थे तो वहां कुछ नहीं था। सिर्फ ये बोल देने से नहीं होगा कि सब भ्रष्ट हैं। इस पर मंत्री ने कहा- मुझे मत सिखाओ। करप्शन में तुम्हें पकड़वा दूंगा। नौकरी करना सिखा दूंगा। परिवहन मंत्री की तरफ से अनियमितता की बात लिखने का दबाव बनाया गया। इस पर सचिव ने कहा मुख्यमंत्री ने जो नोट दिया है, उसे लगा देते हैं तो मंत्री भड़क गए, कहा- बहुत ज्यादा बोल रही हो, लिमिट में रहो। इस पर मंत्री ने जोशी को बाहर जाने को कहा, मगर मंत्री ही उठकर चले गए। जाते-जाते अफसरों से बोल गए कि इसे अंदर मत आने देना, मेमो दे दो।

यहां पर बता दें कि वर्षा जोशी उन अधिकारियों में शामिल हैं जो सरकार के निशाने पर हैं। 19 फरवरी को मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट के बाद 4 माह तक चली सरकार और नौकरशाहों के बीच लड़ाई में एसोसिएशन की तरफ से की गई प्रेस वार्ता में सचिव मनीषा सक्सेना के साथ वर्षा जोशी भी शामिल हुई थीं। 10 जुलाई को इलेक्ट्रॉनिक बसों की खरीद को लेकर कैबिनेट की बैठक में डिम्ट्स को बगैर टेंडर के सलाहकार बनाने का फैसला लेने पर जोशी ने विरोध किया था। जिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जोशी को बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया था।

वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सरकार के गलत फैसलों का विरोध करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ सरकार मंत्रियों को बेइज्जत कर रही है। पहले मुख्य सचिव के साथ मारपीट की गई और अब वर्षा जोशी के साथ बदसलूकी की गई है। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जिस तरह से व्यवहार किया है वह महिलाओं के प्रति ‘आप’ सरकार की पूरी व्यवस्था पर सवाल है। आए दिन सरकार के मंत्री किसी न किसी अधिकारी को प्रताड़ित करते हैं।

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