IPL 2018: जिस टीम को बताया था ‘बूढ़ों की फौज’, उसने कर दिए सबके दांत खट्टे

आईपीएल 2018 की नीलामी के बाद खिलाड़ियों को लेकर सबसे ज्यादा चेन्नई टीम निशाने पर रही थी. इस टीम के बारे में तब कहा गया था कि इसमें बूढ़े खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाया है. यहां तक कि सोशल मीडिया पर इसे बूढ़ों की फौज कहा गया था. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हों, शेन वॉटसन हों या फिर ड्वेन ब्रावो और हरभजन सिंह. ये सभी खिलाड़ी या 35 या उससे ज्यादा उम्र के हो चुके हैं. लेकिन आईपीएल शुरू होने के बाद पूरी कहानी बदल चुकी है.IPL 2018: जिस टीम को बताया था 'बूढ़ों की फौज', उसने कर दिए सबके दांत खट्टे

सभी टीमें आईपीएल 2018  में करीब करीब 8-8 मैच खेल चुकी हैं. चेन्नई की टीम एक बार फिर से सबको पीछे छोड़ते हुए प्वाइंट्स टेबल में नंबर वन की पोजीशन पर कायम है. उसके इन्हीं बूढ़े खिलाड़ियों ने सभी के दांत खट्टे कर दिए हैं. स्टार खिलाड़ी और युवाओं से भरी दूसरी टीमें चेन्नई के सामने 19 ही नजर आई हैं. इस टीम ने अब तक 8 में से सिर्फ 2 मुकाबले हारे हैं. सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में पहले दस खिलाड़ियों में चेन्नई टीम के अकेले 3 खिलाड़ी हैं. इनमें अंबाती रायडू, महेंद्र सिंह धोनी और शेन वाटसन के नाम शामिल हैं.

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चेन्नई के कोच स्टीफन फ्लेमिंग को खुशी है कि महेंद्र सिंह धोनी, शेन वाटसन और ड्वेन ब्रावो ने अब तक आईपीएल में अहम भूमिका निभाकर आलोचकों के मुंह बंद कर दिये जिन्होंने इस टीम को ‘डैड्स आर्मी’ करार दिया था. धोनी और वाटसन जल्द ही 37 साल के हो जाएंगे जबकि ब्रावो अभी 35 साल के हैं लेकिन इन तीनों ने चेन्नई की आठ में से छह जीत में अहम भूमिका निभायी है.

 

धोनी के नाम पर तीन अर्धशतक हैं जबकि वाटसन ने एक शतक और एक अर्धशतक बनाया है. ब्रावो ने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया है. फ्लेमिंग ने कोलकाता नाइटराडर्स के खिलाफ कल होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘उम्र कोई बाधा नहीं है. मेरा मानना है कि ये सीनियर खिलाड़ी अब भी अहम योगदान दे सकते हैं. हमारे पास कुछ युवा खिलाड़ी हैं, लेकिन दबाव में परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन मायने रखता है. ऐसे मैच बहुत कम होते हैं जिनमें आप पर दबाव नहीं हो.’

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