भारतीय सेना ने अंडमान को आजाद कराने के लिए तैयार किया ये नया प्लान

चीन को चुनौती देने के इरादे से पहली बार भारत की तीनों सेनाओं ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सैन्य अभ्यास किया है। इस सैन्य अभ्यास में अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर दोबारा कब्जा करने जैसे हालात बनाए गए और फिर तीनों सेनाओं ने ज्वाइंट ऑपरेशन में इसे अंजाम दिया। 572 छोटे-मोटी द्वीप समूह को मिलाकर अंडमान निकोबार बना है। जोकि मलक्का की खाड़ी तक फैला हुआ है। ये संकरा जल चैनल, दक्षिण सगार और हिंद महासागर को आपस में जोड़ता है।भारतीय सेना

ये चैनल सामरिक रुप से काफी अहम है, क्योंकि पश्चिमी से पूर्वी देशों के बीच ज्यादातर व्यापार इसी रूट से होता है। इसमें चीन की बड़ी ऊर्जा जरुरतें इसी चैनल के जरिए पूरी होती है। चीन पहले भी इस हिस्से पर अपना दावा जताता रहा है और इसे दक्षिणी चीन सागर का हिस्सा मानता है।

इस संयुक्त सैन्य अभ्यास की काफी अहमियत है, क्योंकि साल 2013 से ही हिंद महासागर में चीनी जंगी जहाज अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। वहीं इस साल चीन की नौसेना ने यहां अपनी तैनाती पिछले सालों के मुकाबले काफी बढ़ा दी है।

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ऐसे हुआ सैन्य अभ्यास-

इतिहास से सबक लेते हुए भारतीय सेनाओं ने इस अभ्यास में 1945 में मित्र देशों की सेनाओं द्वारा जर्मनी के खिलाफ नॉरमेंडी बीच पर की गई कार्रवाई को हूबहू अंजाम दिया। इस लड़ाई में मित्र देशों की सेना ने जर्मन सेना से फ्रांस और पश्चिमी यूरोप को आजाद कराया था।

DANX ने दी चीन को चुनौती-

अपनी तरह के पहले सैन्य अभ्यास जिसे, ‘डिफेंस ऑफ अंडमान एंड निकोबार आयलैंड एक्सरसाइज’ का नाम दिया गया है। DANX में न सिर्फ तीनों सेनाओं के सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। बल्कि आगरा में तैनात पचासवीं पैराशूट ब्रिगेड के स्पेशल पैरा कमांडो और नेवी के मार्कोस भी इसका हिस्सा हैं।

पैरा कमांडो के साथ मैरीन भी शामिल-

वहीं इस संयुक्त अभ्यास में फायटर जेट जगुआर, ब्रिटेन में बने बॉम्बर्स और अमेरिका से लिए गए सी-130 J सुपर हरक्यूलिस भी शामिल हैं। इसके अलावा मिसाइल रेजीमेंट भी इस संयुक्त अभियान का हिस्सा है।

इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि ऐसे सैन्य अभ्यास से तीनों सेनाओं की ताकत और तैयारी का पता चलता है। चारों तरफ से पानी से घिरे एक बड़े द्वीप पर दुश्मन देश ने अगर कब्जा कर लिया है तो उसे कैसे आजाद कराया जाए, इस अभ्यास में इसकी रणनीति पर अमल किया गया।

अपनी ताकत दिखाने के लिए चीन ने हिंद महासागर के इस हिस्से में कम से कम एक परमाणु पनडुब्बी और 13 जंगी जहाज तैनात किए हुए हैं।

चीन को टक्कर देने के लिए साथ आए 4 देश-

ऐसे में हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व दिखाने के लिए भारत और चीन के बीच जोर आजमाइश चल रही है। हाल ही में भारतीय नौसेना ने स्थायी तौर पर मलक्का और सुंदा खाड़ी में अपना जंगी जहाज तैनात कर दिया है। वहीं चीन को कड़ा संदेश देने के इरादे से अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने नया गठजोड़ बनाया है। ये चारों देश मिलकर भारत-प्रशांत क्षेत्र में चौकसी करेंगे।

सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की सामरिक क्षमता को पहचानते हुए उस पर जोर दिया है। इसके तहत ही यहां जेट्टी, हवाई पट्टियां, जंगी जहाज और टोही विमान तैनात किए जा रहे हैं।

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