2019 से भारत को लड़ाकू विमान देना शुरू करेगा दसॉल्ट

राफेल सौदे को लेकर देश में काफी गहमा-गहमी का माहौल है। विपक्ष इस सौदे को सरकार का भ्रष्टाचार बता रही है। उससे विमान की कीमत में हुए इजाफे का कारण पूछ रही है। इसके साथ ही अपनी मनपसंद कंपनी रिलायंस को यह सौदा दिलाने में अहम भूमिका निभाने का भी आरोप लगा रही है। इसी बीच दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर का एक बयान आया है। जिसमें उनका कहना है कि कंपनी 2019 से भारत को लड़ाकू विमान देना शुरू कर देगी। 

ऑर्लैंडो में होने वाले सबसे बड़े बिजनेस जेट शो से पहले एरिक ने कहा कि वह 2019 से भारत को लड़ाकू विमान देना शुरू करेंगे और वह आने वाले महीनों में और ऑर्डर का इंतजार कर रहे हैं। साल 2016 में भारत ने 36 राफेल खरीदने के लिए डील की थी। लेकिन तभी से विपक्षी पार्टियों इसकी आलोचना कर रही हैं और इसे सबसे बड़ा रक्षा घोटाला बता रही हैं। 

राफेल सौदे पर भाजपा को केवल विपक्षी पार्टियों का ही नहीं बल्कि अपने सांसदों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। भाजपा सासंद शत्रुघ्न सिन्हा ने सोमवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की बजाए रिलायंस को दसॉल्ट का साझेदार बनाने पर सवाल उठाए थे। सिन्हा ने कहा था, ‘यह सवाल पूछा जा रहा है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड जैसी अनुभवी कंपनी को अलग क्यों रखा गया और राफेल सौदे के लिए एक नयी कंपनी को ठेका क्यों मिला।’

वहीं शनिवार को राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि राफेल आपका अधिकार है। मोदी सरकार को आरोपी बताते हुआ उन्होंने कहा था कि पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू) की फाइटर प्लेन बनाने की क्षमता पर शंका जाहिर करके उनका अपमान किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीब जनता का पैसा उद्योगपति अनिल अंबानी की जेब में डाल दिया है।

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