भारत रक्षा प्रदर्शनी में दिखाएगा अपनी ताकत, 50 से ज्यादा देश कर रहे शिरकत

चेन्नई के पास होने वाली रक्षा प्रदर्शनी में भारत अपनी ताकत दिखाने जा रहा है. इसमें करीब 50 और देशों के हिस्सा लेने की संभावना है. 700 से ज्यादा कंपनियों ने इसमें शामिल होने पर अपनी मुहर लगा दी है.रक्षा भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को पेश करने जा रही चार दिवसीय रक्षा प्रदर्शनी कल चेन्नई के पास शुरू होगी. हर दो साल में होने वाला ये आयोजन कांचीपुरम जिले के तिरुवदनथई में होगा जिसका औपचारिक उद्घाटन 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.

ब्रांड इंडिया को मिलेगी मदद

रक्षा प्रदर्शनी 2018 से हथियारों और उसके उपकरणों के निर्यातक के रूप में ब्रांड इंडिया को मदद मिलेगी. आयोजकों ने बताया कि रक्षा प्रदर्शनी रक्षा उपकरणों और संबंधित प्रणालियों के संबंध में भारत के अहम सार्वजनिक क्षेत्र की ताकत प्रदर्शित करने के साथ ही देश के उभरते निजी उद्योग और फैलते सूक्ष्म, लघु और मझौले उपक्रमों को भी सामने रखेगी. इस कार्यक्रम में स्वदेशी तकनीकी से विकसित सैन्य हेलीकॉप्टर, विमान, मिसाइलें, रॉकेट, पनडुब्बियां, जंगी जहाज विकसित करने की क्षमता प्रदर्शित की जाएगी.

50 से ज्यादा देश लेंगे हिस्सा

50 से अधिक देशों ने प्रदर्शनी में पहुंचने की पुष्टि की है और 700 से अधिक कंपनियां अपनी सहभागिता पर मुहर लगा चुकी हैं. टाटा, एलएंडटी, कल्याण, भारत फोर्ज, महिंद्रा, डीआरडीओ, एचएएल, ओर्डेनेंस फैक्ट्रीज जैसी निजी और सार्वजनिक विशाल कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं.

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लॉकहीड मार्टिन, बोइंग ( अमेरिका ), साब ( स्वीडेन ), एयरबस , राफेल ( फ्रांस ), रोसोनबोरोन एक्सपोर्ट्स , यूनाइटेड शिपबिल्डिंग ( रुस ), बीएई ( ब्रिटेन), सिबत ( इस्राइल ), वार्टसिला ( फिनलैंड ) जैसी जानी मानी विदेशी कंपनियां भी प्रदर्शनी में पहुंच रही हैं.

भारत के लिए ये बड़ा मंच है जब वह दुनिया को बताएगा कि हथियारों के मामले में वह किस स्तर पर काम कर रहा है. विदेशी कंपनियों की शिरकत से इस आयोजन को और मजबूती मिलेगी. साथ ही भारत की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में भी ये मददगार साबित होगा.

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