एमपी में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’ के नाम पर आवेदन बेच हजारोेें को लगाया चूना
योजना के नाम पर भी ठगी हो रही है। ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जहां बेटियों को दो लाख रुपये मिलने की अफवाह फैला कर फर्जी आवेदन बेचा गया और ठगों ने पैसे ऐंठ लिये गये।
भारत सरकार मंत्रालय एवं बालिका मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली के पते पर आवेदन आने लगे जिसे देख अधिकारियों को शक हुआ। आवेदन पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की है और 300 करोड़ रुपए की शुरुआती राशि के साथ देशभर के 120 जिलों में इसे लागू किया गया है।
योजना के मुताबिक योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरों की सभी बेटियों को दो लाख दिए जाएंगे। इस योजना का फार्म कहा से आया यह किसी को पता नहीं लेकिन आवेदन बालो की लंबी लंबी कतारें देखकर यही लग रहा था कि यह सरकारी योजना हैं और सभी को लाभ मिलेगा। रायसेन जिले से पहले नरसिंगपुर ,सागर,अन्य जिले में फार्म भरकर आवेदकों द्वारा जमा करा दिए गये थे।
लेकिन जब रायसेन जिले के उदयपुरा में इस प्रकार के फार्म भरे रहे थे टो इसकी सूचना कलेक्टर रायसेन को दी गई। अनुविभाग अधिकारी ने जब इस संबंध में महिला बाल विकास जिला अधिकारी से बात की तो पता लगा कि यह योजना फर्जी हैं और जब तक हजारो लोग आवेदन दिल्ली पते पर पोस्टऑफिस में रजिस्ट्री करा चुके थे।
एक व्यक्ति को फार्म के साथ दस्तावेज लगाने पर 200-250 रुपये खर्च आया होगा और डाक रजिस्ट्री का खर्च 45 रुपये आया।कलेक्टर रायसेन के निर्देश पर तहसीलदार उदयपुरा सरोज अग्निबंशी और महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी अनामिका पटेल ने छापामार कार्यवाही कर सभी आवेदकों के फार्म जप्त किये । अदिकारी के मुताबिक आवेदन और योजना फर्जी हैं यह आवेदन कहा से कैसे आया इसकी जॉच की जायेगी। कई फोटोकॉपी दुकानदारो से पुलिस पूछताछ कर रही है।
फूलवती धानक ने भी अपनी बेटी को योजना का लाभ दिलाने के लिए आवेदन पत्र खरीदा। दरअसल ठगों ने पूरे इलाके में अफवाह फैला दी कि बेटियों को बारत सरकार से दो लाख रुपये दिये जायेंगे। इसके लिए आवेदन भारत रक्षा मंत्रालय और महिला बाल विकास नई दिल्ली के पता पर पोस्ट आफिस कार्यालय से जमा किये जा रहे थे।राधेश्याम पटेल ने भी इन्ही ठगों से 250 रुपये में फार्म लिया और फिर पोस्ट ऑफिस से रजिस्ट्री के जरिए दिल्ली भेजा।
महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी अनामिका पटेल ने बताया कि ये लोगों को गलत जानकारी के तहत आवेदन कराया गया है। विभाग अब इस मामले की जानकारी जुटा रहा है और पुलिस ठगी के जिम्मेदार लोगों की तलाश में जुट गई है।