‘पटेल पीएम होते तो पाकिस्तान के पास नहीं होता कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा’: शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरदार पटेल की जयंती पर कहा कि कांग्रेस ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को कभी सम्मान नहीं दिया. जिसने इस देश को एक सूत्र में पिरोया, कांग्रेस उसे ही भूल गई. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने आज सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित किया. यह पटेल को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है.  'पटेल पीएम होते तो पाकिस्तान के पास नहीं होता कश्मीर का एक-तिहाई'पटेल पीएम होते तो पाकिस्तान के पास नहीं होता कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा': शिवराज हिस्सा': शिवराज

‘पटेल प्रधानमंत्री होते तो, पाक के पास नहीं होता कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा’
सीएम चौहान ने कहा कि अगर उस समय सरदार पटेल न होते तो, देश को एक सूत्र में नहीं पिरोया जा सकता था. अगर कश्मीर जवाहरलाल नेहरू की जगह सरदार पटेल के हाथ में होता तो, पाकिस्तान के पास इसका एक-तिहाई हिस्सा नहीं होता. यह भारत का दुर्भाग्य है कि सरदार पटेल इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बने. कांग्रेस ने पटेल के साथ क्या किया है, उसे दोबारा कहने की जरुरत नहीं है.  

पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ 
सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नर्मदा घाट पर बनी उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को देश को समर्पित किया. सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, जो दुनिया में सबसे ऊंची है.

सरदार पटेल की इस मूर्ति के अलावा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’, टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया. इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे. मूर्ति का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है. किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का अहसास कराते हैं. आज वही पल है जो देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, जिसे मिटा पाना मुश्किल है.

पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें…

  • करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान अवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है. 
  • सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकि सामर्थ्य का भी प्रतीक है. बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय इंजीनियर राम सुतार की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है, जिसे देखने के लिए दुनिया के हर इंसान को भारतीय सरजमीं पर आना होगा.
  • ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है. ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा.
  • कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है.

गुजरात का सीएम रहते देखा था पीएम मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का सपना- रुपाणी
गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने रविवार को कहा था कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह सपना है, जो उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए देखा था. अब उनका यह सपना पूरा होने जा रहा है. बता दें कि सरदार पटेल की जयंती पर आज यानी 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया. ‘आयरन मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है. 

कल का दिन होगा ऐतिहासिक- गुजरात के सीएम
विजय रुपाणी ने कहा था कि कल (31 अक्टूबर) वह ऐतिहासिक दिन होगा जब भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा देश के समर्पित की जाएगी. उन्होंने बताया कि सरदार पटेल की प्रतिमा का सपना पीएम मोदी ने गुजरात का सीएम रहते हुए देखा था. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात को उम्मीद है कि ‘आयरन मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. 

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुना बड़ी है पटेल की प्रतिमा
182 मीटर ऊंची यह विशाल प्रतिमा देश के पहले गृह मंत्री को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने 1947 के विभाजन के बाद राजाओं-नवाबों के कब्जे वाली रियासतों को भारत संघ में मिलाने में अहम योगदान दिया था. यह प्रतिमा मौजूदा समय में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है. चीन की प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है. सरदार पटेल की प्रतिमा न्यूयॉर्क स्थित 93 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुना बड़ी है. बताया जा रहा है कि इसकी गैलरी में एक समय में करीब 200 पर्यटकों को समायोजित किया जा सकता है. यहां से सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा व विंध्य की पर्वत श्रृंखला तथा अन्य जगहों का दीदार किया जा सकेगा. 

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति
विंध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के साधु बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची इस मूर्ति को बनाने में करीब 2389 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से राज्य के पर्यटन विभाग को बहुत फायदा होगा. इसके बनने से प्रतिदिन करीब 15000 पर्यटक के यहां आने की संभावना है और इससे गुजरात देश का सबसे व्यस्त पर्यटक स्थल बन सकता है. इसमें दो हाई स्पीड लिफ्ट भी होंगी जिससे एक समय में करीब 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं. यहां एक संग्रहालय में सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर लाइट एंड साउंड शो भी होगा. 

दिसंबर 2014 में शुरू हुई थी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना
स्टैच्यू के ऊपरी हिस्से में 306 मीटर पैदल पथ को पूरी तरह से मार्बल से तैयार किया गया है. इसके अलावा दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी पैदल पथ होगा. राठौड़ ने कहा कि परियोजना से जुड़े बाकी काम इसके उद्घाटन होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा. प्रतिमा के पास स्थित पहाड़ियों पर फूलों को लगाया जा रहा है जिससे यहां से नजारा ‘फूलों की घाटी’ जैसा दिखेगा. कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था. लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. 

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