ICC world cup 2019: इस पूर्व क्रिकेटर ने विजय शंकर के बारे में अपनी राय देते हुए कहा कि वो इस फैसले से खुश नहीं हैं

 ICC world cup 2019 वनडे विश्व कप के लिए टीम इंडिया में नंबर चार के लिए टीम में विजय शंकर को मौका दिया गया। हालांकि इस स्थान पर लोकेश राहुल को भी आजमाया जा सकता है और वो ओपनर की भी भूमिका निभा सकते हैं लेकिन अगर वो टीम में ना हों तो शायद शंकर को इस नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जा सकता है। विश्व कप के लिए टीम के चयन से पहले इस नंबर पर किसे चुना जाएगा इसे लेकर खूब बहस हुई थी, लेकिन बाद में बाजी मार ली विजय शंकर ने। शंकर का वनडे करियर काफी छोटा है और उन्हें सिर्फ नौ वनडे मैच खेलने का ही अनुभव है। अब शंकर के चयन पर इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी व इस वक्त आइपीएल में कमेंट्री कर रहे केविन पीटरसन ने खुलकर अपनी राय दी। हालांकि शंकर के बारे में एमएसके प्रसाद ने कहा था कि वो थ्री डाइमेंशनल खिलाड़ी हैं जो गेंद, बल्ले व फील्डिंग में भी अहम भूमिका निभाएंगे साथ ही नंबर चार के लिए वो पहली पसंद हैं।

केविन पीटरसन ने विजय शंकर के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि वो इस फैसले से खुश नहीं हैं। विजय शंकर ने अभी खुद को इतना भी साबित नहीं किया है कि विश्व कप में नंबर चार की भूमिका अदा कर पाएं। पीटरसन का मानना है कि इंग्लिश कंडीशन में नंबर चार पर एक नए खिलाड़ी को अजमाना सही नहीं है और ना ही शंकर के लिए खुद को इस नंबर पर साबित करना आसान होगा। मैंने शंकर को इतना बल्लेबाजी करते अब तक नहीं देखा है कि उन्हें नंबर चार पर भारत जैसी टीम के लिए बल्लेबाजी करता देखूं। भारत के लिए नंबर चार पर कई दिग्गजों को मैंने खेलते देखा है और दुख के साथ ये कहना पड़ रहा है कि शंकर उस स्तर से काफी दूर हैं। नंबर चार पर बल्लेबाजी करना वैसे भी आसान नहीं होता और इंग्लिश कंडीशन में तो यह और भी मुश्किल हो जाता है। विश्व कप टीम में विजय शंकर और केदार जाधव का चयन इस वजह से किया गया है कि दोनों गेंदबाजी भी कर सकते हैं। 

यहां एक बात गौर करने वाली ये है कि केविड पीटरसन कमाल के खिलाड़ी रहे हैं और उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। वो इंग्लिश कंडीशन को अच्छी तरह के जानते हैं साथ ही वो भारत के साथ काफी वनडे मैच खेल चुके हैं। शायद अपने पिछले अनुभव के आधार पर उन्होंने ये तथ्य सामने रखा है। अब किसी अनुभवी और दुनिया के बेजोड़ क्रिकेटर की इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है। शंकर अच्छे प्लेयर हैं लेकिन उनके पास इंग्लैंड में खेलने का कोई अनुभव नहीं है। गौर करने वाली बात ये है कि इंग्लिश कंडीशन में भारतीय टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन का स्तर थोड़ा गिर जाता है और विश्व कप जैसे अहम टूर्नामेंट में शंकर जैसे नए खिलाड़ी पर सेलेक्टर्स ने भरोसा तो दिखा दिया है पर अब बारी उनकी है कि वो अपनी टीम और क्रिकेट प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरे उतरें। 

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